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जानिये दक्षिण भारत की 130 सीटों पर कैसा रहा है कांग्रेस का पिछला प्रदर्शन

इमरजेंसी के बाद जब इंदिरा गांधी अपनी सीट नहीं बचा पाईं तो इसी दक्षिण भारत ने कांग्रेस को संजीवनी दी थी.

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Drigraj Madheshia
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जानिये दक्षिण भारत की 130 सीटों पर कैसा रहा है कांग्रेस का पिछला प्रदर्शन

केरल के वायनाड सीट से पर्चा दाखिल करते राहुल गांधी

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उत्‍तर छोड़ दक्षिण की राहुल गांधी के जाने की बात है तो इसके पीछे वजह पुराना इतिहास है. इमरजेंसी के बाद जब इंदिरा गांधी अपनी सीट नहीं बचा पाईं तो इसी दक्षिण भारत ने कांग्रेस को संजीवनी दी थी. गांधी परिवार से केरल जाकर लड़ने वाले राहुल गांधी पहले सदस्य हैं. हालांकि उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आंध्र प्रदेश के मेडक (अब तेलंगाना) और मां सोनिया गांधी कर्नाटक के बेल्लारी से न सिर्फ चुनाव लड़ चुकी हैं, बल्कि जीतीं भी. 

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आपातकाल के बाद 1977 में हुए आम चुनाव में रायबरेली सीट से हारने के बाद इंदिरा गांधी ने दक्षिण भारत का रुख किया था. उन्होंने 1978 के उप चुनाव में कर्नाटक के चिकमंगलूर से खड़ी हुईं और उसमें जीत हासिल कर उन्होंने अपनी वापसी का संकेत दिया था. इस चुनाव में उनके समर्थन के एक नारे ने खूब लोकप्रियता पायी थी. वह था, ‘एक शेरनी सौ लंगूर, चिकमंगलूर, भाई चिकमंगलूर’. जब इंदिरा गांधी 1980 में कांग्रेस को दोबारा सत्ता में लाने में सफल हुई थीं, तब उन्होंने आंध्र प्रदेश में मेडक और उत्तर प्रदेश में रायबरेली, दोनों सीटों से चुनाव लड़ी थीं और दोनों सीटों जीती थीं.

आइए जानें कैसा रहा है South India (Kerala, Tamil Nadu, Karnataka) 

• तमिलनाडु में 39 , कर्नाटक में 28 , केरल में 20 ,  आंध्र प्रदेश में 25  और तेलंगाना में 17 , और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 1 सीट मिलाकर साउथ में कुल 130 सीटें हैं 

• 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन 130 सीटों में से 32 सीटें जीती थी, बीजेपी को 18 सीटें मिलीं

• 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दक्षिण से 47 सीटें जीती थी , हालाँकि केरल में तब कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था , जबकि बीजेपी तब दक्षिण में सिर्फ कर्नाटक से ही 18 सीटें जीत पाई थी

• 2009 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण से कांग्रेस कुल 61 सीटें जीती , संयुक्त आंध्र प्रदेश से 33 और केरल से 13 सीटें जीती , जबकि बीजेपी को कुल 19 सीटें मिलीं , ये 19 सीटें बीजेपी ने कर्नाटक से जीतीं

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• 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कुल 19 सीटें मिलीं , आंध्रा और तमिलनाडु में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला , जबकि कांग्रेस के शासनकाल में ही लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य विभाजन का फैसला हुआ था , लेकिन कांग्रेस को इसका फायदा नहीं मिला

• 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को दक्षिण से 21 सीटें मिली , ये दक्षिण में बीजेपी का अब तक का सबसे श्रेष्ठ प्रदर्शन था. बीजेपी का इस चुनाव में केरल के अलावा आंध्रा , तेलंगाना , और तमिलनाडु में भी खाता खुला

• दक्षिण के 130 सीटों में से सिर्फ 19 पर जीत कांग्रेस का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था , लेकिन इसके बावजूद उत्तर भारत के मुक़ाबले कहीं बेहतर था , इस चुनाव में कांग्रेस को कुल 44 सीटों पर जीत मिली थी , जिनमें से 19 सीटें कांग्रेस ने दक्षिण से ही जीती थी यानी कुल जीती सीट का 43 फीसदी कांग्रेस को दक्षिण से मिले थे

Source : Sajid Asharf

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