लोकसभा चुनाव के पांच चरण पूरे हो चुके हैं और छठे चरण की वोटिंग 12 मई को होगी. पहले चरण में 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 91 सीटों पर वोट डाले गए. चुनाव आयोग के अनुसार लोकसभा चुनाव के इस चरण में 69.5% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो 2014 के लोकसभा चुनाव से केवल 0.73 फीसद ज्यादा हुआ. उत्तर प्रदेश, असम, लक्षद्विप, महाराष्ट्र, मणिपुर, नगालैंड, ओडिशा, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले वोटरों में कम उत्साह देख गया. इन राज्यों कम वोटिंग हुई. (देखें टेबल)
पहला चरण | |||
राज्य | 2014 में वोटिंग% | 2019 में वोटिंग% | चेंज |
बिहार | 51.82 | 53.44 | 1.62 |
जम्मू-कश्मीर | 57.19 | 57.38 | 0.19 |
आंध्र प्रदेश | 76.97 | 77.38 | 0.41 |
असम | 78.82 | 78.27 | -0.55 |
लक्षद्वीप | 86.79 | 84.96 | -1.83 |
उत्तर प्रदेश | 65.76 | 63.26 | -2.5 |
पश्चिम बंगाल | 68.77 | 69.5 | 0.73 |
महाराष्ट्र | 64 | 63.04 | -0.96 |
मणिपुर | 84.77 | 84.21 | -0.56 |
मेघालय | 68.84 | 71.32 | 2.48 |
मिजोरम | 61.06 | 63.06 | 2 |
नगालैंड | 88.53 | 83.09 | -5.44 |
ओडिशा | 74.57 | 73.82 | -0.75 |
सिक्किम | 80.8 | 78.81 | -1.99 |
तेलंगाना | --- | 62.53 | 62.53 |
ते्रिपुरा | 85.5 | 83.21 | -2.29 |
उत्तराखंड | 71.63 | 68.92 | -2.71 |
कुल | 68.77 | 69.5 | 0.73 |
दूसरे चरण में 13 राज्यों की 95 सीटों पर 23 अप्रैल को वोटिंग हुई थी. इस चरण में कुल 69.44% वोटिंग हुई, जो 2014 के लोकसभा चुनाव से महज 0.18% कम था. इस चरण में तमिलनाडु, पुड्डुचेरी और जम्मू-कश्मीर में कम वोटिंग हुई. हालांकि मणिपुर में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले करीब 6 फीसद ज्यादा मत पड़े. (देखें टेबल)
दूसरा चरण | |||
राज्य | 2014 में वोटिंग% | 2019 में वोटिंग% | चेंज |
बिहार | 62.27 | 62.92 | 0.65 |
जम्मू-कश्मीर | 50.91 | 45.67 | -5.24 |
उत्तर प्रदेश | 61.86 | 62.39 | 0.53 |
पश्चिम बंगाल | 81.71 | 81.72 | 0.01 |
असम | 78.78 | 81.2 | 2.42 |
छत्तीसगढ़ | 73.08 | 74.95 | 1.87 |
कर्नाटक | 67.69 | 68.8 | 1.11 |
महाराष्ट्र | 62.65 | 62.86 | 0.21 |
मणिपुर | 75.18 | 81.16 | 5.98 |
ओडिशा | 72.43 | 72.56 | 0.13 |
पुड्डुचेरी | 81.98 | 81.21 | -0.77 |
तमिलनाडु | 73.66 | 72.01 | -1.65 |
कुल | 69.62 | 69.44 | -0.18 |
तीसरे चरण में सबसे ज्यादा 16 राज्यों की 117 सीटों पर वोट डाले गए. चुनाव आयोग के मुताबिक कुल 69.44% वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जोपिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2.46% ज्यादा था. इस चरण में सबसे कम मतदान जम्मू-कश्मीर में हुई. इसके अलावा 6 राज्यों में 2014 के मुकाबले कम वोटिंग हुई. (देखें टेबल)
तीसरा चरण | |||
राज्य | 2014 में वोटिंग% | 2019 में वोटिंग% | चेंज |
बिहार | 60.08 | 61.2 | 1.12 |
जम्मू-कश्मीर | 39.37 | 13.68 | -25.69 |
उत्तर प्रदेश | 61.48 | 61.42 | -0.06 |
पश्चिम बंगाल | 67.15 | 68.4 | 1.25 |
असम | 75.74 | 85.11 | 9.37 |
छत्तीसगढ़ | 69.17 | 70.73 | 1.56 |
दादर नागर हवेली | 84.08 | 79.59 | -4.49 |
दमन-दीव | 77.84 | 71.83 | -6.01 |
गोवा | 76.86 | 74.98 | -1.88 |
गुजरात | 63.32 | 64.11 | 0.79 |
कुर्नाटक | 66.65 | 68.45 | 1.8 |
केरल | 68.69 | 73.38 | 4.69 |
महाराष्ट्र | 62.72 | 62.36 | -0.36 |
ओडिशा | 72.45 | 71.62 | -0.83 |
त्रिपुरा | 83.03 | 83.19 | 0.16 |
कुल | 63.05 | 68.4 | 2.46 |
चौथे चरण में वोटरों का उत्साह थोड़ा लौटा और 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2.46% ज्यादा वोटिंग हुई. तीन राज्यों में मामूली रूप से कम वोटिंग दर्ज की गई. (देखें टेबल)
4th फेज | |||
राज्य | 2014 में वोटिंग% | 2019 में वोटिंग% | चेंज |
बिहार | 53.97 | 59.27 | 1.73 |
जम्मू-कश्मीर | 10.32 | ||
झारखंड | 57.44 | 64.97 | 7.53 |
मध्य प्रदेश | 79.05 | 82.1 | 3.05 |
राजस्थान | 64.48 | 68.17 | 3.69 |
उत्तर प्रदेश | 58.23 | 59.11 | 0.88 |
पश्चिम बंगाल | 83.37 | 82.84 | -0.53 |
महाराष्ट्र | 55.61 | 57.33 | 1.72 |
ओडिशा | 75.45 | 74.38 | -1.07 |
कुल | 63.05 | 65.51 | 2.46 |
पांचवें चरण की 51 सीटों पर 6 मई को मतदान हुआ और 63.54% वोटिंग हुई जो पिछले लोकसभा चुनाव में हुई 61.54 % वोटिंग से थोड़ा ज्यादा रहा.
पांचवां चरण | ||
राज्य | 2014 में वोटिंग% | 2019 में वोटिंग% |
बिहार | 56.4 | 57.76 |
जम्मू-कश्मीर | 33.68 | 18.24 |
झारखंड | 63.86 | 64.63 |
मध्य प्रदेश | 57.66 | 65.24 |
राजस्थान | 61.8 | 63.72 |
उत्तर प्रदेश | 57.11 | 57.93 |
पश्चिम बंगाल | 81.37 | 74.42 |
कुल | 61.54 | 63.54 |
ज्यादा-कम वोटिंग के ये हैं मायने
घटते-बढ़ते वोटिंग प्रतिशत (low and high voter turnouts) को लेकर ज्यादातर लोग कह रहे हैं कि बढ़ी हुई वोटिंग सत्ता के खिलाफ नाराजगी होती है जबकि घटी हुई उसे समर्थन. हालांकि घटे या बढ़े मतदान प्रतिशत का सत्ता विरोधी या सत्ता के पक्ष में कोई कनेक्शन समझ में नहीं आता. अगर छह-सात फीसदी का अंतर हो तब जरूर इसका फर्क पड़ता.
चरण | 2019 में वोटिंग% | 2014 में वोटिंग% |
पहला चरण | 69.5 | 68.77 |
दूसरा चरण | 69.44 | 69.62 |
तीसरा चरण | 68.4 | 63.05 |
चौथा चरण | 65.51 | 63.05 |
पांचवा चरण | 63.4 | 61.54 |
कुल प्रतिशत | 67.25 | 65.2 |
2013 के मुकाबले दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में तीन प्रतिशत ज्यादा मत पड़े थे. बीजेपी मत प्रतिशत के मुकाबले कांग्रेस से बढ़त बनाई हुई थी. जब मध्य प्रदेश में 2003 का विधानसभा चुनाव हुआ था तो लगभग 7.2 % वोटिंग ज्यादा हुई थी. इसका प्रभाव भी दिखा और कांग्रेस के हाथ से सत्ता निकल गई.
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2003 में भी एमपी में बीजेपी की सरकार बनी. इसके बाद 2008 के चुनाव में वोटिंग में 2% का इजाफा हुआ. फिर भी बीजेपी की सरकार बनी. 2013 में फिर दो-तीन फीसदी का इजाफा हुआ फिर भी बीजेपी की सरकार बनी रही. मतलब ये है कि मतदान प्रतिशत बढ़ता रहा फिर भी बीजेपी सरकार बनी रही. इसका मतलब ये हैं कि मतदान बढ़े या घटे इसका कोई मतलब अब नहीं निकलता.
HIGHLIGHTS
- अगर वोटिंग परसेंट में छह-सात फीसदी का अंतर हो तब सत्ताधारी दल के खिलाफ जा सकता है जनादेश
- 2003 के मुकाबले 2008 के मध्य प्रदेश के चुनाव में वोटिंग में 2% ज्यादा हुई फिर भी बीजेपी की सरकार बनी.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA