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UP Nikay Chunav 2023: क्यों चुनाव चिन्ह पर बढ़ रही रार? कांग्रेस और सपा प्रत्याशियों से छीना पार्टी सिंबल  

मथुरा-वृंदावन नगर निगम में प्रत्योशियों को मिले चुनाव चिन्ह को लेकर नई कहानी सामने आ रही है. जिसे हाथ का चुनाव चिन्ह मिला है, उसे कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी मानने से मना कर दिया.

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Mohit Saxena
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congress and SP ( Photo Credit : social media)

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मथुरा-वृंदावन नगर निगम में प्रत्योशियों को मिले चुनाव चिन्ह को लेकर नई कहानी सामने आ रही है. जिसे हाथ का चुनाव चिन्ह मिला है, उसे कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी मानने से मना कर दिया. वहीं दूसरी तरफ सपा ने साइकिल सिंब्बल पर रहे प्रत्याशी से अपना समर्थन वापस ले लिया है. कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया है. यहां पर राजकुमार राव के नाम पर सहमति जताई गई है. वहीं कांग्रेस हाईकमान ने निर्णय किया है कि वह इस प्रकरण की जांच करेगा. वह यह जाने की कोशिश करेगा कि अनधिकृत प्रत्याशी के पास यह सिंबल किस तरह से पहुंचा है. 

कांग्रेस और सपा दोनों ने तकनीकी तौर पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ रहे राजकुमार रावत को अपना समर्थन दिया है. उधर, कांग्रेस हाईकमान ने फैसला किया है कि वह इस प्रकरण की  जांच कराएगा कि अनधिकृत प्रत्याशी के पास उसका सिंबल कैसे पहुंचा. गौरतलब है कि मथुरा-वृंदावन नगर निगम में महापौर के पद का लेकर बड़ी गुटबाजी देखने को मिल रही है. कांग्रेस का बड़ा धड़ा पूर्व चेयरमैन श्याम सुंदर को टिकट देना चाहता था. मगर इसका विरोध एक कद्दावर कांग्रेसी नेता ने किया. बाद में ऐसे हालात बने कि कांग्रेस ने वहां राजकुमार रावत को  अपना प्रत्याशी बनाने का ऐलान किया.

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गौरतलब है कि किसी तरह श्याम सुंदर ने कांग्रेस के सिंबल की जुगाड़ कर लिया. उसे अपने नामांकन पत्र के साथ लगाया. राजकुमार रावत ने इसके बाद पार्टी के सिंबल संग पर्चा भरा.   इसलिए रिटर्निंग ऑफिसर ने पहले नामांकन करने वाले श्याम सुंदर को कांग्रेस का चुनाव चिह्न दे दिया. इस तरह से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी राजकुमार रावत बिना सिंबल के रह गए. इस पूरे मामले में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि पीछे के रास्ते से श्याम सुंदर के लिए पार्टी सिंबल का जुगाड़ कराया गया.

यह चुनाव चिन्ह किस तरह से आवंटित हुआ इसकी जांच पड़ताल जारी है. हालांकि चुनाव में पार्षद और मेयर पद के प्रत्याशी को पार्टी चुनाव चिन्ह देने का प्रारूप एक समान है. ऐसे में यह कोई मुश्किल काम नहीं था. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी मुख्यालय से सिंबल के प्रारूप गिनकर तय पदाधिकारियों को दिए. इस तरह से अधिकृत प्रत्याशियों को ये सिंबल वितरित न किया जा सके.  अब पदाधिकारियों से इनका हिसाब मांगा गया है. इस तरह से पता चल सकेगा, इसमें किसा हाथ रहा है. 

HIGHLIGHTS

  • राजकुमार राव के नाम पर सहमति जताई गई है
  • कांग्रेस का बड़ा धड़ा पूर्व चेयरमैन श्याम सुंदर को टिकट देना चाहता था
  • इसका विरोध एक कद्दावर कांग्रेसी नेता ने किया.

Source : News Nation Bureau

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