गुजरात में एक और पांच दिसंबर को दो चरणों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रवर्तन एजेंसियों ने भारी मात्रा में जब्ती की है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. चुनाव आयोग ने कहा है कि 2017 के गुजरात विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार चुनावों के दौरान बरामदगी में 28 गुना वृद्धि दर्ज की गई है. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कुल जब्ती 27.21 करोड़ रुपये थी. 29 नवंबर को जब्ती चार्ट के अनुसार, जो कुल 290.24 करोड़ रुपये की जब्ती को दर्शाता है, बरामदगी की मात्रा में भारी उछाल है जो 2017 में बरामदगी का 10.66 गुना है. इसके साथ नशे के सामान की जब्ती को मिला दिया जाए तो यह पिछली बार से 28 गुना ज्यादा हो जाता है.
बरामदगी के आंकड़ों में जबर्दस्त वृद्धि के पीछे चुनाव आयोग की व्यापक रणनीति, विस्तृत योजना और कठोर अनुवर्ती कार्रवाई रही है. चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा कई प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से सावधानीपूर्वक योजना, विस्तृत समीक्षा और व्यय की निगरानी के शानदार परिणाम सामने आए हैं, जिससे गुजरात में चल रहे विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड बरामदगी हुई है.
ड्रग्स की भारी खेप की एक महत्वपूर्ण जब्ती प्रक्रिया का नेतृत्व एटीएस गुजरात के अधिकारियों की एक टीम कर रही है जो वड़ोदरा (ग्रामीण) और वडोदरा शहर में एक अभियान चला रही है. टीम ने 2-मेफ्रेडोन दवा निर्माण इकाइयों की पहचान की है और लगभग 478 करोड़ रुपये मूल्य के लगभग 143 किलोग्राम मेफ्रेडोन (सिंथेटिक दवा) का पता लगाया है.
उन्होंने नडियाद और वडोदरा से पांच लोगों को हिरासत में लिया है और एटीएस पुलिस स्टेशन, अहमदाबाद में एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की संबंधित धाराओं के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है. ऑपरेशन प्रगति पर है और ऑपरेशन पूरा होने के बाद पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाएगा.
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों की घोषणा के अवसर पर, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रलोभन मुक्त चुनाव पर जोर दिया और हिमाचल प्रदेश में भारी मात्रा में बरामदगी का हवाला दिया. 23 नवंबर को, आयोग ने मुख्य सचिवों, डीजीपी, आबकारी आयुक्तों, डीजी (आयकर) और गुजरात और उसके पड़ोसी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों- राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की थी.
यह कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने और स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए समन्वित भागीदारी के लिए आयोजित किया गया था. इसी तरह, 2022 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में बरामदगी में 2017 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों में 500 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई. 2017 के विधानसभा चुनावों में जहां 9.03 करोड़ रुपये की बरामदगी की तुलना में, 2022 में बरामदगी बढ़कर 57.24 करोड़ रुपये हो गई.
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Source : IANS