Himachal Pradesh Assembly Election 2022 Results: हिमाचल प्रदेश विधासभा चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है. सभी राजनीतिक पार्टियां अब चैन की सांस लेना चाह रही हैं, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. चुनावी नतीजों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) पहले ही बोल चुके हैं कि इस बार चुनावी मुकाबला काफी कठिन रहा है. ऐसे में न सिर्फ बीजेपी, बल्कि कांग्रेस भी अब वो काम कर रही है, तो चुनाव से पहले से कर लिये जाते तो कहीं ज्यादा फायदा होता. सस्पेंस में न रहें, हम इसीलिए पहले ही बता दे रहे हैं कि ये राजनीतिक पार्टियां ऐसा कौन सा काम है, जो 8 दिसंबर से पहले अंजाम देना चाह रही हैं. और उसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. तो इस काम है अपने रूठों को मनाना.
निर्दलीयों को मनाने में जुटी कांग्रेस-बीजेपी
जी हां, बीजेपी हो या कांग्रेस. इस चुनाव में कई जीते हुए विधायकों का पत्ता कटा है, तो कई मजबूत नेताओं, जिन्हें पार्टी से टिकट की आस थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. वो बागी बन गए हैं. बागी बनकर न सिर्फ उन्होंने अपनी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं, बल्कि कई सीटों पर तो वो जीत के दावेदार भी बनकर उभरे हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस अपने उन नाराज नेताओं को मनाने में जुट गए हैं, जिन्होंने पार्टी से टिकट न मिलने या फिर अन्य किसी परेशानी की वजह से निर्दलीय चुनाव लड़ा है.
इन मजबूत चेहरों पर पार्टियों की नजर
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में 68 सीटों पर मतदान हुआ है. इन सीटों पर 412 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई. बीजेपी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और आम आदमी पार्टी लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़े. लेकिन बागियों की बात करें तो सबसे ज्यादा बागी सत्ताधारी बीजेपी से ही चुनावी मैदान में उतरे. बीजेपी के करीब 21 नेताओं ने पार्टी से बगावत का झंडा उठाया और निर्दलीय चुनाव लड़ गए. कांग्रेस के बागियों की संख्या करीब 10 है. बीजेपी के बागियों में पूर्व सांसद व विधायक महेश्वर सिंह के बेते हितेश्वर, पूर्व सांसद कृपाल परमार, पूर्व विधायक तेजपाल नेगी, पूर्व मंत्री के बेटे अभिषेक ठाकुर जैसे नाम हैं. तो कांग्रेस के बागियों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट, जगजीवन पाल जैसे नाम हैं.
ये भी पढ़ें: Gujarat Assembly Elections 2022: इन 10 VIP सीटों पर सबकी निगाहें
सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे बागी?
इन बागियों के बारे में कहा जा रहा है कि चुनावी नतीजों के बाद इनका सरकार के गठन में अहम रोल हो सकता है. हो सकता है कि इन बागियों में से कोई बागी इतना मजबूत निकल जाए कि वो सरकार के लिए बैसाखी जैसा बन जाए. ऐसा तभी हो सकता है, जब किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिले. यही वजह है कि बीजेपी हो या कांग्रेस, चुनावी नतीजों से पहले ही अपने बागियों से न सिर्फ संपर्क साध रहे हैं, बल्कि उनकी पार्टी में वापसी सुनिश्चित कराने का वादा भी कर रहे हैं. ऐसे में देखना ये होगा कि करीब 30 बागियों में कितने बागी जनता का प्यार पाकर विधानसभा में लौटते हैं और उसमें से कितने लोग अपनी पुरानी पार्टियों का साथ देने के लिए मानते हैं.
HIGHLIGHTS
- हिमाचल चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को
- बागियों को साधने में जुटी बीजेपी-कांग्रेस
- कई बागी चुनाव जीतने की स्थिति में
Source : Shravan Shukla