लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 117 सीटों पर मतदान पूरा हो गया. तीसरे चरण में चुनाव आयोग के एप Voter turnout के मुताबिक 67.96% फीसदी मतदान हुए. जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर 67.56 फीसदी वोटिंग हुई थी. यानी थोड़ा ज्यादा वोट पड़े हैं. पिछले तीन चरणों में कुल 302 सीटों पर जनता फैसला कर चुकी है कि अबकी बार किसकी सरकार. अगर लोकसभा चुनाव में वोटिंग ट्रेंड को राजनीतिक दल अपने-अपने नफा और नुकसान के नजरिए से देख रहे हैं. लेकिन मतदाताओं की खामोशी उन्हें बेचैन कर रही है.
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तीसरे चरण में असम बूथ के बॉस तो असम के वोटर रहे. यहां 80.75 फीसदी वोट पड़े. उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर 61.40 फीसदी वोट पड़े जो 2014 की तुलना में 0.4 फीसदी कम रहा. तीसरे चरण के चुनाव गुजरात की सभी 26 सीटों पर 63.73 फीसदी वोटिंग हुई. जो पिछले चुनाव के 63.66 फीसद के मुकाबले करीब-करीब बराबर है.
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केरल की सभी 20 सीटों पर 73.69 फीसदी वोट पड़े हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 73.94 वोट पड़े थे. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 117 सीटों पर 67.96 फीसदी वोटिंग हुई. 2009 में 61.8 फीसदी मतदान हुआ था. वोटिंग ट्रेंड को देखें तो 2014 में वोट फीसदी मे बढोत्तरी हुई तो वहीं 2019 में लगभग बराबर रहा. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के पास 63, कांग्रेस के पास 16, बीजेडी के पास 6, सीपीएम के पास 8, एनसीपी 4, सपा के पास 3, आरजेडी के पास 2 और अन्य के पास 15 सीटें थी. 2009 के नतीजे को देखें तो बीजेपी के पास 44, कांग्रेस के पास 38, बीजेडी के पास 5, सीपीएम के पास 6 एनसीपी के पास 3 और अन्य के पास 21 सीटें थी.
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कुल 543 लोकसभा सीटों के लिए सात चरण में चुनाव हो रहे हैं. इनमें से तीन चरण का चुनाव पूरा हो चुका है. इसी के साथ 302 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. पहले चरण की 91, दूसरे चरण की 95 और तीसरे चरण की 117 सीटों पर वोटिंग हुई है. इनमें जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट भी शामिल हैं, जहां तीन चरण में चुनाव होने हैं.
11 अप्रैल को पहले चरण की 20 राज्यों की 91 सीटों पर करीब 69.45% फीसदी लोगों ने वोट डाला. 2014 में इन्हीं 91 सीटों पर 70.79 फीसदी मतदान हुए थे. ये पिछली बार की तुलना में करीब करीब बराबर है.. पहले चरण की जिन 91 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 32 सीटें जीतने में सफल रही थी. जबकि कांग्रेस के पास महज 7 सीटें जीती थी. इसके अलावा 16 सीटें टीडीपी के पास, 11 टीआरएस, 9 सीटें वाईएसआर कांग्रेस, 4 सीटें बीजेडी और 12 सीटें अन्य दलों ने जीती थी.
लोकसभा चुनाव के लिए 18 अप्रैल को दूसरे चरण के 12 राज्यों की 95 सीटों पर 69.17% फीसदी लोगों ने मतदान किया था. इन 95 सीटों पर 2014 में 65 फीसदी वोटिंग पड़ी थी. पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 3 फीसदी अधिक वोट पड़े हैं. जबकि 2009 के चुनाव में 62.49 फीसदी वोट पड़े थे. 95 लोकसभा सीटों पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 27 सीटें जीतने में सफल रही थी. जबकि एनडीए के पास 64 सीटें थी. वही, कांग्रेस के पास महज 12 सीटें जीती थी. इसके अलावा 4 सीटें बीजेडी, 2 सीटें जेडीएस, 2 सीटें आरजेडी, 1 सीटें टीएमसी, एक जेडीयू और 6 सीटें अन्य को मिली थी. वहीं बीजेपी की सहयोगी एआईएडीएमके के पास 36 सीटें और शिवसेना के पास 4 सीटें थी.
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लोकसभा चुनाव 2019 में अब चार चरणों में 241 सीटों पर वोटिंग होनी है. इसका मतलब साफ है कि आधे से ज्यादा सीटों पर चुनाव का सफर पूरा हो चुका है. पहले चरण की वोटिंग कम होने के बाद बाकी तीन चरणों में वोटिंग फीसदी में इजाफा हुआ है. 2019 के लोकसभा चुनाव के वोटिंग ट्रेंड में सियासी पार्टियां अपने-अपने पक्ष में बता रही हैं.
Source : News Nation Bureau