UP Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता और पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 2017 से लगातार चुनावी पराजय का सामना कर रहे अखिलेश यादव के लिए मौजूदा लोकसभा चुनाव किसी संजीवनी से कम नहीं रहा है. इस चुनाव ने न केवल उन्हें एक नई ऊर्जा दी है, बल्कि उनके राजनीतिक करियर को भी नई दिशा प्रदान की है. अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने इस बार उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, जिससे उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा बढ़ी है. आखिरी बार उन्होंने 2012 में कोई बड़ा चुनाव जीता था, जब वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. उसके बाद से पार्टी को कई बार हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस लोकसभा चुनाव ने उनकी छवि को फिर से चमका दिया है.
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उसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव, 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 में सपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. हालांकि पार्टी 2024 के आम चुनाव में सपा के प्रदर्शन से उत्साहित है. अपनी स्थापना के बाद से सपा ने वर्ष 2004 में लोकसभा में सबसे अधिक 36 सीटें जीती हैं, जबकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश के नेतृत्व में सपा ने 37 सीटें जीती हैं.
आपको बता दें कि इस चुनाव में मिली सफलता के बाद अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों का धन्यवाद किया और कहा कि यह जीत पार्टी की नीतियों और जनता के समर्थन का परिणाम है. उन्होंने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के प्रति भी आभार व्यक्त किया, जिनकी विरासत और संघर्ष ने पार्टी को इस स्थिति तक पहुंचाया है.
वहीं इस जीत ने न सिर्फ अखिलेश यादव को राजनीतिक संजीवनी दी है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि जनता का अभी भी समाजवादी पार्टी पर भरोसा कायम है. यह जीत आने वाले समय में पार्टी के लिए नई उम्मीदें और संभावनाएं लेकर आई है, जिससे उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है.
समाजवादी पार्टी की सीटों की लेखा-जोखा
लोकसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के इतिहास पर नजर डालें तो पार्टी ने विभिन्न चुनावों में विभिन्न सीटों पर भाग लिया है. साल 1996 में सपा ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, जबकि साल 1998 में यह संख्या बढ़कर 19 हो गई. साल 1999 में सपा ने 26 सीटों पर जीत दर्ज की। साल 2004 में पार्टी ने 36 सीटें जीतीं, जो सपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन था. हालांकि, साल 2009 में यह संख्या घटकर 23 रह गई. साल 2014 और 2019 में सपा ने केवल पांच-पांच सीटों पर जीत हासिल की.
सपा ने सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव साल 2004 में लड़ा, जब उसने 600 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए. साल 1998 में पार्टी ने 166 सीटों पर चुनाव लड़ा था। साल 2019 में सपा ने मात्र 49 सीटों पर चुनाव लड़ा, जो पार्टी के इतिहास में सबसे कम है.
अखिलेश यादव के नेतृत्व में वोट प्रतिशत की चुनौती
हालांकि, अखिलेश यादव ने कई मामलों में अपने पिता मुलायम सिंह यादव का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में वे पीछे रह गए हैं. मुलायम सिंह यादव की अगुवाई में सपा ने साल 1998 में सबसे ज्यादा 4.9 फीसदी मत हासिल किए थे. इस बार चुनाव में सपा ने 37 सीटें तो जीतीं, लेकिन वोट प्रतिशत 4.58 फीसदी पर ही रुक गया. सपा ने सबसे कम वोट शेयर साल 2019 में हासिल किया था जब उसे मात्र 2.6 फीसदी मत मिले थे. अखिलेश यादव के लिए यह एक महत्वपूर्ण चुनौती है, जिसमें उन्होंने अभी तक अपने पिता को पीछे नहीं छोड़ा है.
HIGHLIGHTS
- अखिलेश यादव ने तोड़ा मुलायम सिंह का रिकॉर्ड
- 20 साल बाद सपा को मिली सबसे बड़ी जीत
- इस चुनाव में पिता को भी छोड़ा पीछे
Source :News Nation Bureau