Advertisment

अवध, पूर्वांचल और बुंदेलखंड के लिए INDIA गठबंधन ने अपनाया ऐसा फॉर्मूला, यूपी की सियासत में होगा बड़ा बदलाव!

उत्तर प्रदेश के अवध, पूर्वांचल, बुंदेलखंड के लिए इंडिया गठबंधन ने खास रणनीति बनाई है. उसने ऐसा फॉर्मूला अपनाया है कि अगर नतीजा सकारात्मक आया तो प्रदेश की सियासत में बड़ा बदलाव आएगा.

author-image
Ajay Bhartia
एडिट
New Update
Rahul Gandhi Akhilesh Yadav

राहुल गांधी और अखिलेश यादव( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव अब अपने आखिरी दौर में पहुंचता जा रहा है. चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है. तीन चरण बाकी हैं. उत्तर प्रदेश के अवध, पूर्वांचल और बुंदेलखंड के लिए इंडिया गठबंधन ने खास रणनीति बनाई है. उसने ऐसा फॉर्मूला अपनाया है कि अगर उसका नतीजा सकारात्मक आया तो प्रदेश की सियासत में बड़ा बदलाव आएगा. उसकी दशा और दिशा दोनों ही बदल सकती है. इंडिया गठबंधन को पूरी यकीन है कि वह अपने इस फॉर्मूले के दम पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को कांटे की टक्कर दे पाएगी.

बता दें कि बाकी बचे 3 चरणों यानी पांचवें, छठे और सातवें में यूपी की 41 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जिनमें से पांच सीटें बुंदेलखंड की हैं, जबकि 36 अवध और पूर्वांचल की हैं. इन सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवारों की संख्या देखें तो 2 क्षत्रिय, 5 ब्राह्मण सहित सामान्य वर्ग के 11 उम्मीदवार हैं. आठ कुर्मी, पांच निषाद, एक यादव, एक पाल सहित 19 पिछड़ी जाति के हैं. 11 दलितों में चार पासी समाज के हैं. मुस्लिम सिर्फ एक है. 

INDIA गठबंधन की है ये रणनीति

इंडिया गठबंधन ने लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक रखी है. उसका पूरा फोकस इस बात पर है कि यूपी में कैसे अधिक से अधिक सीटें जीती जाएं. इसलिए गठबंधन अवध, पूर्वांचल और बुंदेलखंड इलाकों के लिए खास रणनीति अपनाई है. उसने इन इलाकों में न सिर्फ प्रत्याशी उतारने में सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया है बल्कि जातिगत समीकरण को धार देने के लिए संबंधित जाति के नेताओं को भी चुनावी रण में उतारा है.

साथ ही चुनाव प्रचार की कमान सौंपते समय भी सोशल इंजीनियरिंग पर पूरा फोकस किया जा रहा है. विधानसभा क्षेत्रवार जिस इलाके में जिस जाति का दबदबा है, उसमें उसी जाति के नेता को उतारा गया है, ताकि वे पार्टी की घोषणाओं को आसान शब्दों में लोगों को समझा सकें. 

जैसे- सीतापुर में कांग्रेस उम्मीदवार राकेश राठौर हैं. यहां की बिसवां विधानसभा क्षेत्र में यादव नेताओं को तो लहरपुर में कुर्मी नेताओं को उतारा गया है. इसी तरह जौनपुर लोकसभा क्षेत्र में सपा उम्मीदवार बाबू सिंह कुशवाहा है. यहां यादव बहुल मुल्हनी में स्थानीय विधायक के साथ अन्य कई यादव विधायक एवं पुर्व विधायक को भेजा गया है जबकि मड़ियाहूं में कुर्मी नेताओं की तैनाती की गई है.

पीडीए से बढ़ा दलितों का रुझान

पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले का असर दिख रहा है. खासकर दलितों में इस फॉर्मूले से रूझान बढ़ा है, इसलिए सपा और कांग्रेस संविधान और आरक्षण बचाने की बात कर रही हैं. फैजाबाद सीट सामान्य है, लेकिन यहां पार्टी ने दलित उम्मीदवार उतारा है. पार्टी के बैनर में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के साथ ही ऊदादेवी पासी, संत गाडगे की तस्वीर लगाई जा रही है. दलितों को भरोसा है कि उनके हक की बात सपा और इंडिया गठबंधन की कर रहा है. इसका असर लोकसभा चुनाव में दिखना तय है.

सियासत में दिखेगा बड़ा बदलाव?

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इंडिया गठबंधन ने जिस तरह से टिकट बंटवारे में सोशल इंजीनियरिंग की है, वह कारगर रहा तो भविष्य में प्रदेश की निश्चत रूप से बड़ा बदलाव होगा. सभी प्रमुख पार्टियां पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों पर जोर देंगी. वहीं, बीजेपी विकास के मुद्दे पर आगे बढ़ रही है. पार्टी का मानना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार के विकास के विपक्ष की हर रणनीति फेल हो जाएगी. अवध और पूर्वांचल की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ पर भरोसा करती है. इसका असर चुनाव में भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है. ऐसे में इंडिया गठबंधन की कोई भी रणनीति बीजेपी के सामने नहीं टिकट पाएगी. गौरतलब है कि 20 मई को पांचवें चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इस चरण में 695 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है.

ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: पांचवें चरण में 49 सीटों पर थमा चुनाव प्रचार, जानें किन VIP सीटों पर लगा दांव

Source : News Nation Bureau

INDIA Alliance Lok Sabha Chunav 2024 UP Lok sabha election
Advertisment
Advertisment