साल 2024 का लोकसभा रण आखिरकार खत्म हो गया है. बीते मंगलवार को घोषित नतीजे बेहद हैरतअंगेज रहे. लिहाजा अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. 18वीं लोकसभा में निर्वाचित महिला सांसदों की संख्या में गिरावट आई है. वर्तमान में लोकसभा में 74 महिला सांसद (MP) चुनी गई हैं, जोकि 2019 के 78 महिला सांसद के आंकड़ें के मुकाबले कम है. भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में नई लोकसभा में 13.6% महिलाएं सदस्य हैं, जबकि 2019 में महिला सांसदों का प्रतिशत 14.3% था. बता दें कि, इस आम चुनाव कुल 797 महिलाएं चुनावी मैदान में थी.
गौरतलब है कि, ये लोकसभा चुनाव, निचले सदन में महिला आरक्षण विधेयक, 2023 (Women’s Reservation Bill, 2023) जो अभी तक लागू नहीं हुआ है, पेश होने के पहला आम चुनाव था. इस विधेयक का उद्देश्य महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित करना है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस चुनाव से पूर्व ही निचले सदन में महिला सांसदों की संख्या में धीमी, लेकिन स्थिर वृद्धि देखी जा रही थी. जैसे-
लोकसभा चुनाव 2014- 16वीं लोकसभा में महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व 62 था, जो सदन की कुल संख्या का 11.4%) था.
लोकसभा चुनाव 2009- 15वीं लोकसभा में महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व 58, जो सदन की कुल संख्या का 10.7% था.
लोकसभा चुनाव 2004- महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व 45, जो सदन की कुल संख्या का 8.3% था.
लोकसभा चुनाव 1991- महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व 49, जो सदन की कुल संख्या का 9% था.
कुछ ऐसा रहा महिलाओं की मौजूदगी का आंकड़ा..
ECI के आंकड़ों के अनुसार,
BJP ने 69 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, जिनमें से 30 या 43.4% ने जीत हासिल की.
कांग्रेस ने 41 महिला उम्मीदवारों में से 13 या 34% ने जीत हासिल की.
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की 11 महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की.
इसी तरह लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में प्रत्येक 40% महिला उम्मीदवार हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और बीजू जनता दल (BJD) दोनों में 33% महिला प्रतिनिधित्व है. जबकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में 29% और समाजवादी पार्टी (SP) में 20% है.
Source :News Nation Bureau