Lok Sabha Election Janadesh 2024: लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद न्यूज नेशन सर्वे जनादेश 2024 के अनुमान सामने आ चुके हैं. सर्वे में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की तीसरी बार सरकार बनने के अनुमान जताए गए हैं. एनडीए को 342 से 378, कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को 153-169, जबकि अन्य को 21 से 23 सीटें मिलने का अनुमान है. ऐसे में आइए उन दलों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने चुनाव से पहले इंडिया अलायंस को सपोर्ट नहीं कर NDA को जबरदस्त फायदा पहुंचाया, जिससे सत्ता में मोदी हैट्रिक की राह आसान हुई!
बीजेपी का इन राज्यों में चौंकाने वाला प्रदर्शन
न्यूज नेशन के सर्वे के नतीजों में बीजेपी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में चौंकाने वाला प्रदर्शन करती नजर आ रही है. ये राज्य ऐसे हैं, जहां की राजनीति में क्षेत्रिय दलों का अच्छा खासा दबदबा है. चुनाव से पहले NDA के खिलाफ कांग्रेस ने विपक्षी नेताओं को इंडिया गठबंधन के तहत एक साथ आने को कहा था. इन नेताओं में मुख्यतौर पर यूपी से मायावती, बिहार से नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी थीं. हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद इन नेताओं ने इंडिया गठबंधन से दूरी बनाए रखी.
मायावती की एकला चलो की नीति, बिगाड़ा INDIA का खेल!
अगर यूपी लोकसभा चुनाव 2024 के न्यूज नेशन सर्वे के नतीजों को देखें तो बीजेपी का प्रदेश में इस बार भी जबरदस्त प्रदर्शन रह सकता है. पार्टी को यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 65 पर जीत मिलने का अनुमान है. हालांकि पार्टी के अगुवाई वाले एनडीए अलायंस 67 सीटें पर जीत दर्ज कर सकती है. वहीं, इंडिया गठबंधन के खाते में 10 सीटें जाती हुई दिख रही हैं. प्रदेश में इंडिया अलायंस के तहत मिलकर चुनाव लड़ीं कांग्रेस को एक जबकि सपा को 9 सीटों मिलने का अनुमान है.
2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 63, बीएसपी ने 9, समाजवादी पार्टी (सपा) ने 5, अपना दल (सोनीलाल) ने 2 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी.
पिछले लोकसभा चुनाव में बीएसपी सुप्रीमो मायावती और सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने मिलकर चुनाव लड़ा था. तब गठबंधन का सबसे ज्यादा फायदा मायावती को हुआ था. उनके पार्टी से 9 नेता चुनकर संसद पहुंचे थे. वहीं, इस बार BSP को उसकी एकला चलो की नीति का नुकसान होता दिख रहा है. सर्वे में पार्टी को सिर्फ 3 सीटें मिलने का अनुमान है. यूपी की राजनीति में मायावती का काफी प्रभाव हैं. उनकी दलित वोटों में अच्छी पकड़ है. साथ ही उनको मुसलमानों के भी वोट मिलते हैं.
चुनाव से पहले, मायावती के इंडिया गठबंधन में शामिल होने को लेकर रिपोर्टें आईं थीं. तब कांग्रेस और बीएसी नेताओं के बीच बातचीत होने की भी खबरें भी थीं, लेकिन अंत में मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया, जिसका नतीजा आज जनादेश 2024 में दिख रहा है. एक तरह से मायावती के इस कदम से कहीं न कहीं यूपी में इंडिया अलायंस को खेल बिगड़ता हुआ दिख रहा है.
नीतीश की 'पलटी', INDIA को झटका!
अब बिहार की ओर रुख करते हैं. जनादेश 2024 के आंकड़ों को देखें तो बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 31 एनडीए गठबंधन को मिलती हुई दिख रही हैं. सर्वे में बीजेपी को 16, जेडीयू को 11 और एलजेपी को 4 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं इंडिया गठबंधन को 9 सीटें मिलने का अनुमान है.
बिहार में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस और आरजेडी चुनाव लड़ी हैं. गठबंधन का फायदा आरजेडी को मिलता दिख रहा है. उसको 9 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कांग्रेस के खाते में एक भी नहीं मिलने का अनुमान है. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार में बीजेपी ने 17, जेडी(यू) ने 16, एलजेपी ने 6 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती थीं.
बिहार की राजनीति के केंद्र में अगर कोई नेता रहता है, तो वह नीतीश कुमार हैं. उन्होंने ही सबसे पहले इंडिया अलायंस को झटका दिया था. तब वे बिहार में महागठबंधन सरकार के चीफ मिनिस्टर थे. उन्होंने ही मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की कवायद शुरू की थी. तब उन्होंने एक पर एक फॉर्मूला दिया था, जिसके तहत उन्होंने बीजेपी और एनडीए कैंडिडेट्स के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारने की बात कही थी.
तब नीतीश का तर्क था कि इससे एंटी बीजेपी वोट एकमुश्त पड़ेंगे और एंटी वोटों का बिखराव नहीं होगा. इंडिया ब्लॉक ने नीतीश के गठबंधन छोड़ एनडीए में चले जाने के बाद सूबे में इस फॉर्मूले पर अमल किया. आरजेडी के तेजस्वी यादव ने मुकेश सहनी की पार्टी को अंतिम समय में अपने कोटे से सीटें देकर साथ जोड़ा, उन्हें साथ लेकर चुनावी रैलियों में जाते रहे और नतीजे न्यूज नेशन के सर्वे जनादेश 2024 में दिख भी रहे हैं.
टीएमसी का पलड़ा था भारी...
यूपी, बिहार के बाद अगर ठीक से कहीं विपक्षी एकजुटता आकार नहीं ले सकी, तो वो राज्य पश्चिम बंगाल था. ममता राजनीति की मंझी हुई खिलाड़ी हैं. उनको यह बात अच्छे से पता है कि वोटर्स के बीच उनकी पार्टी की अच्छी पकड़ है और पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा 22 सांसद उन्हीं की पार्टी से थे. ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी पार्टी का पलड़ा भारी थी. इसलिए उनको कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में कोई फायदा नहीं दिखा. हालांकि उनका ये फैसला आज न्यूज नेशन के सर्वे को देखें तो कहीं न कहीं सही भी साबित होता दिख रहा है. जनादेश 2024 में उनकी पार्टी को 22 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं बीजेपी को 19 और कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान है.
माया-नीतीश-ममता के साथ नहीं होने से क्या हुआ?
कहा जाता है कि यूपी से केंद्र की सत्ता का रास्ता जाता है. यही वजह है कि बीजेपी प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंक देती है. अगर मायावती इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ती हैं. उनके कोर वोट बैंक (दलित) और मुसलमानों के वोट बंटते नहीं और आज सर्वे में इंडिया गठबंधन को मिलने वाले सीटों की संख्या कुछ और ही होतीं. अब बात नीतिश की, अगर वे इंडिया गंठबंधन के साथ रहते तो आज जो भी उनको सीटें मिलने का अनुमान है, वो इंडिया गठबंधन के खाते में जुड़ी हुई होतीं.
वहीं अगर ममता भी इंडिया गठबंधन के तहत लड़तीं तो कहीं न कहीं इंडिया गठबंधन मजबूत होता. मायावती, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के इंडिया गठबंधन को सपोर्ट नहीं करने से राज्यों में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया, जिससे एंटी बीजेपी वोट दो तरफ बंट गए और केंद्र की सत्ता पर काबिज एनडीए गठबंधन को जनादेश 2024 में इसका लाभ सीटों के रूप में मिलता नजर आ रहा है. इस तरह से इन दलों और इनके नेताओं ने कहीं न कहीं मोदी की सत्ता में हैट्रिक की राह को आसान बना दिया.
Source : News Nation Bureau