logo-image
लोकसभा चुनाव

अयोध्यावासियों ने क्यों दिया BJP को झटका? समाजवादी पार्टी ने मार ली बाजी

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को अयोध्या यानी फैजाबाद लोकसभा सीट पर सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा. शायद भाजपा ने कभी सोचा होगा कि जिस अयोध्या और राम मंदिर मुद्दे पर उसने पूरी चनावी राजनीति की.

Updated on: 05 Jun 2024, 05:34 PM

highlights

  • अयोध्यावासियों ने क्यों दिया BJP को झटका? 
  • समाजवादी पार्टी ने मार ली बाजी
  • अखिलेश यादव ने फैजाबाद में फहराया अपना झंडा

 

New Delhi:

Lok Sabha Election Result 2024: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को अयोध्या यानी फैजाबाद लोकसभा सीट पर सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा. शायद भाजपा ने कभी सोचा होगा कि जिस अयोध्या और राम मंदिर मुद्दे पर उसने पूरी चनावी राजनीति की, उसी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के तुरंत बाद उसे करारी हार का सामना करना पड़ेगा. अयोध्या में हार ने यूपी बीजेपी को हिलाकर रख दिया है. अयोध्या में इस बार एक नारा खूब चला था, ''न अयोध्या न काशी, अबकी बार अवधेश पासी.'' समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद दलितों में पासी जाति के हैं. उनके समर्थक पूरे चुनाव में यही नारे लगाते दिख रहे थे. इस नारे के आगे बीजेपी की मंदिर महिमा और ब्रांड मोदी का जादू नहीं चल पाया. राम मंदिर के अभिषेक के बाद देशभर में हिंदुत्व के नाम पर वोट बटोरने की योजना थी लेकिन बीजेपी का ये प्रयोग सिर्फ अयोध्या में ही काम नहीं आया. अयोध्या यूपी की फैजाबाद लोकसभा सीट का हिस्सा है और यहां अयोध्या नाम से एक विधानसभा सीट भी है.

यह भी पढ़ें: तीसरे कार्यकाल में एनडीए सरकार का काम भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने का होगा : पीएम मोदी

फैजाबाद से बीजेपी को करारी हार 

फैजाबाद में भाजपा क्यों और कैसे हारी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा किया. आरएसएस और भाजपा ने मिलकर लाखों लोगों को मंदिर में दर्शन कराए. प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में रोड शो किया. वे दलित महिला मीरा मांझी के घर भी गए. इसे बड़ा राजनीतिक संदेश माना गया. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी यहां दो चुनावी रैलियां कीं, लेकिन राम भक्तों की पार्टी बीजेपी रामलला की जन्मस्थली पर ही चुनाव हार गई.

वहीं पिछली बार समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गठबंधन था. इसके बावजूद बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह 65 हजार वोटों से जीते थे. इस बार वे समाजवादी पार्टी से 54 हजार वोटों से हार गए. फैजाबाद में बीजेपी की हार सबसे बड़ी हार है. राम मंदिर पिछले कई दशकों से बीजेपी के लिए मुद्दा रहा है. पार्टी के हर चुनाव घोषणापत्र में इसका जिक्र होता रहा है, लेकिन जब राम मंदिर बना तो पार्टी हार गई.

अखिलेश यादव ने फैजाबाद में फहराया अपना झंडा

आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने फैजाबाद में एक बड़ा प्रयोग किया, उन्होंने सामान्य लोकसभा सीट पर दलित उम्मीदवार को मैदान में उतारा. उन्होंने मेरठ में भी ऐसा ही प्रयोग किया, लेकिन रामायण सीरियल के राम यानी अरुण गोविल चुनाव जीत गए. वहीं फैजाबाद में लल्लू सिंह फंस गए. भगवान राम की कृपा ऐसी रही कि अखिलेश यादव दो बार फैजाबाद में प्रचार करने गए, एक बार अवधेश प्रसाद का जिक्र करते हुए उन्हें पूर्व विधायक बताया, बाद में माइक लेते हुए अखिलेश ने कहा कि आप सांसद बनने वाले हैं, इसीलिए मैंने आपसे ऐसा कहा.

जमीन अधिग्रहण को लेकर था लोगों में गुस्सा

इसके साथ ही आपको बता दें कि फैजाबाद में दलित 26 प्रतिशत, मुस्लिम 14 प्रतिशत, कुर्मी 12 प्रतिशत, ब्राह्मण 12 प्रतिशत और यादव भी 12 प्रतिशत हैं. भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह ठाकुर समुदाय से आते हैं. वे वर्ष 2014 और 2019 में यहां से सांसद भी रह चुके हैं लेकिन इस बार उनका बड़ा विरोध था. पार्टी के लोग प्रत्याशी बदलने की मांग कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद विकास के बहुत से काम हुए लेकिन भूमि अधिग्रहण को लेकर स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है. उन्हें लगता है कि मुआवजे के बदले उनके साथ धोखा हुआ है. वहीं, स्थानीय सामाजिक समीकरण और भाजपा प्रत्याशी की सत्ता विरोधी लहर ने रामलला के दरबार में समाजवादी पार्टी का झंडा फहरा दिया.