लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के बाद अब पार्टी के अंदर से डिमांड उठने लगी है कि राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाया जाए. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेताओं के कई ट्वीट सामने आए हैं. आपको बता दें कि कांग्रेस लोकसभा में 99 सीटें जीत कर अब संसद में विपक्ष के नेता के पद पर दावें की हकदार है. ऐसे में राहुल के नाम को लेकर मांग तेज हो चुकी है. कांग्रेस के निर्वाचित सांसद मनिकम टैगोर ने एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व पाटर्भ् अध्यक्ष से निचले सदन में कांग्रेस का नेता बनने का आग्रह किया था.
राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगा
उन्होंने कहा कि मैंने अपने नेता राहुल गांधी के नाम पर वोट मांगा था. उनका मानना है कि उन्हें लोकसभा में कांग्रेस का नेता होना चाहिए. उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि निर्वाचित कांग्रेस सांसद भी ऐसा ही सोचेंगे. तमिलनाडु के विरुधुनगर से जीते टैगोर ने कहा, देखते हैं कांग्रेस संसदीय दल क्या निर्णय लेता है. हम एक डेमोक्रेटिक पार्टी हैं.
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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी इस बात को दोहराया और कहा, 'राहुल ने प्रचार अभियान का नेतृत्व किया. वह चेहरा थे. वह लोकसभा संसदीय दल के नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालने के लिए बाध्य हैं. कुछ निर्णय निश्चित रूप से पार्टी नेताओं/सांसदों को सर्वसम्मति से लेना होगा.
2019 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था
कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने कहा, मुझे लगता है कि यह स्थान कांग्रेस के पास आएगा. मेरी निजी राय है कि राहुल गांधी को खुद ही कांग्रेस की ओर से विपक्ष के नेता का पद संभालना चाहिए. राहुल गांधी, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में सबसे पुरानी पार्टी की हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था, को पार्टी 2024 में शानदार वापसी का श्रेय दे रही है.
खुद को राष्ट्रीय नेता के रूप में साबित किया
सिर्फ कांग्रेस नेता ही नहीं, यहां तक कि शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी राहुल गांधी की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि हम राहुल गांधी नेतृत्व स्वीकार करने के लिए तैयार हैं. राउत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, उन्होंने कई बार खुद को राष्ट्रीय नेता के रूप में साबित किया है. वह लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं. हम सभी उन्हें चाहते हैं और उनसे प्यार करते हैं. गठबंधन में कोई आपत्ति या मतभेद नहीं है.
2004 में अपनी राजनीतिक शुरुआत करने के बाद से 53 वर्षीय नेता ने कोई संवैधानिक पद नहीं संभाला है, यहां तक कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी. बीते वर्ष उन्हें मानहानि के मुकदमे की वजह से संसद से निष्कासित कर दिया गया था. भाजपा ने उन पर प्रधानमंत्री के उपनाम का मजाक उड़ाने का आरोप लगाया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें उनकी सीट पर लौटा दिया.
Source :News Nation Bureau