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Modi 3.0: TDP-JDU से पहले क्यों JDS के कुमार स्वामी ने ली शपथ, जानें क्या है पीएम मोदी की रणनीति

Modi 3.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में दिखाई अपनी तीसरे कार्यकाल की रणनीति, टीडीपी-जेडीयू से पहले इन दल के नेता को दिलाई शपथ

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Dheeraj Sharma
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Why JDS Kumarswamy takes Oath before TDP and JDU

Why JDS Kumarswamy takes Oath before TDP and JDU ( Photo Credit : Twitter )

Modi 3.0: नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. उन्होंने तय समय के मुताबिक शाम 7.15 बजे बाद लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. ऐसा करने वाले वह देश के पहले गैर कांग्रेसी नेता है, जबकि पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे ऐसे शख्स हैं जिन्होंने लगातार तीसरी बार शपथ ली है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनकी कैबिनेट मिनिस्ट्री के लिए भी मंत्रियों ने शपथ ली. खास बात यह है कि इस दौरान एक के बाद एक नेता किसी खास क्रम में आगे बढ़ते गए और शपथ लेते गए. लेकिन इस दौरान एक बात ने हर किसी को चौंकाया वह यह कि आखिर टीडीपी और जेडीयू से पहले कैसे किसी गैर बीजेपी नेता ने मंत्री पद की शपथ ली. दरअसल इसके पीछे भी पीएम मोदी की खास रणनीति तो नहीं. 

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क्यों जेडीएस नेता कुमार स्वामी ने पहले ली शपथ

पीएम मोदी के शपथ लेने के बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर समेत बीजेपी के कद्दावर नेताओं ने शपथ ली. लेकिन इनके बाद हर किसी को उम्मीद थी कि इस गठबंधन के किंग मेकर कहे जाने वाले दोनों सहयोगी दल यानी टीडीपी और जेडीयू से जिन्हें मंत्री बनाया जाएगा वहीं शपथ लेंगे. 

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कैबिनेट में सब समान

दरअसल संख्याबल के मुताबिक भी सभी को उम्मीद थी कि इन्हीं दोनों पार्टियों से ही नेता शपथ लेंगे. लेकिन हमेशा की तरह पीएम मोदी ने सभी चौंकाते हुए जेडीएस नेता कुमार स्वामी को शपथ दिला दी. इसके पीछे पीएम मोदी की खास रणनीति रही.  पीएम मोदी यह संदेश दे रहे थे कि उनकी कैबिनेट में सब समान हैं. सिर्फ संख्या बल के आधार पर किसी को ज्यादा तरजीह नहीं दी जाएगी. बता दें कि टीडीपी 16 और जेडीयू 12 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर एनडीए का मुख्य सहोयगी दल है. वहीं जेडीएस के पास  महज 2 लोकसभा सीट है. दरअसल बीजेपी और जेडीएस ने मिलकर कर्नाटक में चुनाव लड़ा था. 17 सीट पर बीजेपी और 2 सीट पर जेडीएस जीत दर्ज कर पाई. 

ये भी है एक वजह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके साथ ही आने वाले वक्त में दक्षिण के दुर्ग को भेदने की कोशिश भी कर रहे हैं. बीजेपी को यहां काफी कम सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. लिहाजा हो सकता है मोदी कर्नाटक के साथ-साथ दक्षिण में कमल को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हों. 

पहले ही इशारा दे चुके थे मोदी

दरअसल जिस दिन नरेंद्र मोदी संसदीय दल का नेता चुना गया था. उसी दिन उन्होंने अपने संबोधन में इस बात का इशारा दे दिया था कि सदन में उनके लिए सभी समान होंगे. उन्होंने कहा था कि हम सबका साथ और सबका विकास के भाव से आगे बढ़े हैं और ऐसे ही बढ़ते रहेंगे. 

मोदी की रणनीति इसी बात का इशारा करती है कि वह यह संदेश देना चाहते हैं कि उनके लिए सभी सहयोगी दलों का समान महत्व है, केवल ज्यादा सीटों की वजह से वह टीडीपी या नीतीश कुमार को ज्यादा महत्व नहीं देंगे.

एनसीपी दिखा रही तेवर

दरअसल शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही एनसीपी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए थे. एनसीपी के अजित पवार इस बात से नाराज दिखे कि उनकी पार्टी के नेता को राज्यमंत्री का प्रभार सौंपा जा रहा है. प्रफुल्ल पटेल ने भी यह कहा कि उन्हें इस बात की सूचना दी गई है लेकिन वह पहले ही केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम कर चुके हैं. लिहाजा इस पद काम करना उनके लिए कठिन होगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी तरह के मतभेद नहीं हैं, लेकिन हम अपनी इच्छा आगे बता चुके हैं.  

Source : News Nation Bureau

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