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Odisha: चुनाव में हार के बाद नवीन पटनायक को एक और झटका, वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास का किया ऐलान

Odisha: विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद नवीन पटनायक को लगा एक और बड़ा झटका, करीबी वीके पांडियन ने छोड़ दी राजनीति

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Dheeraj Sharma
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VK Pandian announce the end of active politics

VK Pandian announce the end of active politics ( Photo Credit : Twitter )

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VK Pandian retires from active politics: ओडिशा की राजनीति में 9 जून को एक और बड़ा अपजेट सामने आया है. दरअसल ओडिशा का विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक को एक और बड़ा झटका लगा है. नवीन के करीबी और पार्टी के अहम नेता वीके पांडियन ने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है. उनके इस ऐलान के बाद ओडिशा की राजनीति में नया मोड़ सामने आ गया है. खास तौर पर बीजेडी को अब नए नेतृत्व की तलाश करना होगा. वीके पांडियन ने यह घोषणा उस वक्त की है जब लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजेडी को करारी हार का सामना करना पड़ा है.   ये उनके तकरीबन ढाई दशक के राजनीतिक करियर में एक अभूतपूर्व घटना है. 

बीजेडी की हार और पांडियन का संन्यास
लोकसभा चुनावों में बीजेडी की करारी हार और ओडिशा विधानसभा चुनाव में भी निराशाजनक प्रदर्शन के बाद वीके पांडियन ने बड़े ही भावुक अंदाज में राजनीति छोड़ने का ऐलान किया. पांडियन ने अपने वीडियो संदेश में कहा, "मेरा राजनीति में आने का मकसद केवल और केवल नवीन बाबू (पटनायक) को सहयोग करना था। अब मैंने सक्रिय राजनीति छोड़ने का फैसला किया है।" 

उन्होंने यह भी कहा, "अगर इस यात्रा में मुझसे कोई गलती हुई तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूं। मेरे खिलाफ चलाए गए नैरेटिव अभियान से बीजेडी को चुनाव में नुकसान हुआ तो मैं इसके लिए पूरे बीजेडी परिवार से माफी चाहता हूं। बीजेडी के लाखों कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं।"

पांडियन के राजनीतिक सफर पर एक नजर
वीके पांडियन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजेडी के सहयोगी के रूप में की थी. उनके नेतृत्व में बीजेडी ने कई महत्वपूर्ण चुनावी जीत दर्ज की और राज्य में स्थिरता बनाए रखी. पांडियन के नेतृत्व में पार्टी ने विकास के कई महत्वपूर्ण पहल किए और ओडिशा को एक नई दिशा में अग्रसर किया.

पांडियन का राजनीति में योगदान केवल नवीन पटनायक के सहयोग तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने बीजेडी को एक मजबूत संगठन बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके संगठनात्मक कौशल और रणनीतिक सोच ने पार्टी को एक मजबूत स्तंभ प्रदान किया।

क्या रहे बीजेडी की हार के कारण
बीजेडी की हार के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक प्रमुख कारण पांडियन के खिलाफ चलाए गए नैरेटिव अभियान को माना जा सकता है. पांडियन के खिलाफ विपक्षी दलों ने कई तरह के आरोप लगाए और उनके खिलाफ एक नकारात्मक छवि बनाई। यह अभियान संभवतः बीजेडी को चुनावों में नुकसान पहुंचाने में सफल रहा.

क्या बोले नवीन पटनायक 
पांडियन के संन्यास की घोषणा के बाद, नवीन पटनायक ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "वीके पांडियन ने हमारे साथ कई सालों तक काम किया और उनके योगदान को हम कभी नहीं भूल सकते. उनका फैसला व्यक्तिगत है और हम उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं."

Source : News Nation Bureau

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