PM Modi Exclusive Interview: लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रचार प्रसार में जुटे हैं. 20 मई को पीएम मोदी ओडिशा में दो रैलियां कर रहे हैं. पहली रैली उन्होंने पुरी में की. इस बीच उन्होंने न्यूज नेशन के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. विकास चंद्रा को दिए सबसे बड़े इंटरव्यू में पीएम मोदी ने देश के विकास से लेकर नेशन फर्स्ट और विपक्ष की स्थिति तक हर मुद्दे पर बात की. उन्होंने बताया किस तरह देशवासियों ने 400 पार के नारे को एक संकल्प बना दिया है. उन्होंने बताया कि राम मंदिर से लेकर महाकाल कॉरिडोर तक कैसे देश की जनता के सपनों को साकार किया जा रहा है. पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह 75 साल तक विपक्ष जनता को ठगता रहा. न्यूज नेशन पर देखें पीएम मोदी के इस सबसे बड़े इंटरव्यू से जुड़ी हर बात..
सवालः आपका 400 पार के नारे को विपक्ष ने हथियार बना लिया है कि आप इतने बड़े मेंडेट के बाद संविधान ही बदल देंगे?
पीएम मोदी - ये नारा नहीं है. बल्कि देशवासियों का संकल्प बन चुका है. 400 पार नारा नहीं है यह 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है और इस संकल्प को देशवासी जी रहे हैं. इस संकल्प को पार करने के लिए स्वयं देशवासी और देश के मतदाता पूरे चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं . सुबह 7 बजे से हजारों लोगों की भीड़ जुटी है. पुरी में देशवासियों की आशा पूरी करने के लिए जो जनसैलाब मैं देख रहा हूं, इसे साफ साफ लगता है और जब आप तो न्यूज़ नेशन वाले हैं और हम नेशन फर्स्ट वाले हैं तो हम नेशन फर्स्ट के लिए काम करने वाले लोग हैं.
सवालः आप पर व्यक्तिगत हमले हो रहे हैं, धर्म की राजनीति करने का भी आरोप
पीएम मोदी - 'मैं समझता हूं कि यह गहरा विषय नहीं है ऐसे ऊपर छलना आप लोग या तो जो भी लोग बात करते हैं मुझे फर्क नहीं पड़ता. सरदार वल्लभ भाई पटेल जिसने देश को एक किया, हमने उनके नाम पर दुनिया का सबसे बड़ा स्टेच्यू बनाया 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी'. बाबा साहेब अम्बेडकर जिसने संविधान को बहुत बड़ी ताकत दी, हमने उनके पंच तीर्थ बनाए. महात्मा गांधी की दांडी यात्रा दांडी को इतने दिनों तक भुला दिया गया था. हमने दांडी में भव्य स्मारक बनाया हमने.
'मैं मानता हूं कि हमारे देश में 140 करोड़ देशवासी ऐसे हैं, जिनके मन में इच्छा रहती है कि कभी चारधाम यात्रा करनी है, कभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों जाना है, कभी मां गंगा में स्नान कराना है. ये भारत के नागरिक के हक हैं कि उनको व्यवस्था मिले. अगर वो जगन्नाथजी में आते हैं तो उसको अच्छी रहने की व्यवस्था मिले, अच्छा खाने का प्रबंध मिले, उसको कनेक्टिविटी मिले, उनको इंटरनेट कनेक्टिविटी मिले. उन्हें अच्छे साफ सुथरे टॉयलेट मिलें. क्या हिंदुस्तान के नागरिक को ये हक नहीं है क्या? 75 साल तक भारत के कोटि कोटि नागरिक की आस्थाओं को जूते मारे गए हैं, अपमानित किया गया है. उनको अपने नसीब पर छोड़ दिया गया है.
मोदी उस दुनिया से निकल करके आया है. पीएम मोदी ने कहा कि मेरे मन में दर्द था और सवाल थे कि जो इस देश के मालिक हैं, जो इस देश को चलाने के लिए टैक्स दे रहे हैं, उनको एक टॉयलेट नहीं मिलेगा. उनको अच्छी जगह पर सोने की जगह नहीं मिलेंगे क्योंकि वो भगवान के दरबार में जा रहा है परेशान हो जाए. मैं अपना कर्तव्य मानकर कर जनता के हित के काम कर रहा हूं.
जहां तक हम पर जो विरोध करते हैं, आरोप करते हैं. वो तो मेरे जन्म से पहले से कर रहे हैं क्योंकि वो एक निश्चित प्रकार की सत्ता भूख में डूबे हुए लोग हैं. वो मानते हैं कि देश उनकी प्राइवेट प्रॉपर्टी है, इनकी फैमिली की प्रॉपर्टी है. ये देश के संविधान को नहीं मानते, देश के लोकतंत्र को नहीं मानते, देश के मतदाताओं की ताकत को नहीं मानते हैं और इसलिए वो गाली गलौज करते हैं.
सवालः 10 वर्षों का कार्यकाल हुआ, इसमें जनता तो मानकर चल रही है कि प्रधानमंत्री तो मोदी होंगे. क्या ये मोदी मैजिक है या विपक्ष बहुत कमजोर है?
पीएम मोदी- कभी कोई सोच सकता है कि सुबह 7 बजे देश का प्रधानमंत्री पुरी की गलियों में घूम रहा है, क्यों? मेरा जनता के प्रति विश्वास है और इसलिए देश की जनता ने ये सारे निर्णय किए?
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सवालः गठबंधन से कितनी चुनौती मिल रही है? खास तौर पर अगर बिहार यूपी, महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों की बात करें?
पीएम मोदी - इंडी गठबंधन है कहीं है क्या? उन्होंने चार या पांच बार मिलकर के हाथ ऊपर करके फोटो निकाली है. क्या इंडी गठबंधन का कोई नेतृत्व है? क्या इंडी गठबंधन की कोई कैंपेन कमेटी है? इंडी गठबंधन का कोई इलेक्शन जीतने का विजन है ? इतना ही नहीं इंडी गठबंधन का सबसे बड़ा पार्टनर है लेफ्ट. इंडी गठबंधन ने प्रारंभ में ही इस लेफ्ट के पीछे पहुंचा दिया. वायनाड में चुनाव लड़ा और लेफ्ट वालों को गालियां दी.
लेफ्ट वालों ने कांग्रेस को गालियां दी, बंगाल में उनकी हालत क्या है? भारत में झारखंड में उनकी हालत क्या है? यानी सब दूर वे अंदरूनी झगड़ों में हैं. अभी उनके एक नेता कह रहे हैं कि अब छोटी छोटी पार्टियों का कोई भविष्य नहीं है जो इंडिया अलायन्स के छोटे पार्टनर हैं उन्हें कांग्रेस में मर्ज कर देना चाहिए क्यों?
उन्हें मालूम है कि मान्य विपक्ष के लिए 10% सीटें चाहिए उतनी सीट के लिए तो मर्ज तो होना ही पड़ेगा. इस चुनाव में कांग्रेस 10% सीटें नहीं ले पाएगी तो मान्य विपक्ष बनने के लिए वो सभी छोटी छोटी पार्टियों को मर्ज करना चाहते हैं ताकि जो कुछ नंबर कम पड़ जाए तो वह पूरा कर सकें. ये तो इनकी हालत है.
सवालः ओडिशा में गठबंधन नहीं हो सका, अलायन्स नहीं हो सका, अगर होता है तो क्या नतीजे कुछ और होंगे?
पीएम मोदी- ओडिशा का विषय निकाला? ओडिशा यहां के नागरिकों के मन में है. एक बहुत बड़ा सवाल है कि जिस व्यक्ति को बीजू बाबू के बेटे होने के नाते और पढ़े लिखे थे तो बड़ी आशा अपेक्षा के साथ तीन दशक से उनके नेतृत्व को स्वीकार किया है. हर एक की उम्र होती है. मेरी भी होगी, नवीन बाबू की भी होगी, लेकिन लोगों को इस बात का पता है कि पिछले कुछ वर्षों से ओडिशा को नवीन बाबू नहीं चला रहे हैं.
कुछ लोगों का कुनबा है. उन्होंने सीएम हाउस पर कब्जा कर लिया है. उनकी, इच्छा के विरुद्ध कुछ नहीं होता है और वे नवीन बाबू का उपयोग करते हैं. नवीन बाबू को भी अच्छा होता कोई उड़िया व्यक्ति को अपनी विरासत देने के लिए तैयारी करते. जो उड़िया भाषा से जुड़ा हुआ हो, उड़िया अस्मिता से जुड़ा हुआ हो, उड़िया के जन जीवन से पला बढ़ा हो, लेकिन अब वो आउटसोर्स कर रहे हैं. अन्य भाषावासी अन्य राज्य के व्यक्तियों के भरोसे ओडिशा सुपुर्द नहीं कर सकते. उड़िया एक स्वाभिमान प्रजा है. ओडिशा के लोगों ने सदियों से स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी है.
हिंदुस्तान का उड़िया ने नेतृत्व किया हुआ है ऐसे लोगों को दोबारा किसी की गुलामी मंजूर नहीं है. वो नवीन बाबू के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार हैं, लेकिन नवीन बाबू ने जिनको विरासत देना तय किया है, उनके लिए रत्ती भर भी उड़िया लोग कुछ करने को तैयार नहीं है. इसलिए उन्होंने तय किया है कि उड़िया अस्मिता के लिए, उड़िया स्वाभिमान के लिए उड़िया के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत बड़े परिवर्तन की आवश्यकता है और ये चुनाव ओडिशा में परिवर्तन का है. ये चुनाव दिल्ली में पूरे सामर्थ्य देने का चुनाव है.
Source : News Nation Bureau