Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव को लेकर लगातार मतदान का दौर जारी है. अब तक चार चरण का मतदान हो चुका है और पांचवे चरण के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. खास तौर पर उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी हुई हैं क्योंकि दिल्ली की गद्दी पर काबिज होने का रास्ता यहीं से गुजरता है. 80 लोकसभा सीट वाले इस प्रदेश में हर सीट पॉलिटिकल पार्टीज के लिए मायने रखती है. इस बीच यूपी के ही बदायूं शहर से एक अजीब मामला सामने आया है. यहां सपा और भाजपा प्रत्याशियों के दो समर्थकों के बीच दो लाख तीस हजार रुपये की शर्त लगी है. शर्त क्या है और कैसे लगी आइए जानते हैं पूरा मामला.
बदायूं को दो दोस्तों ने सपा और बीजेपी में से कौन जीतेगा इस बात को लेकर शर्त लगाई है. खास बात यह है कि चुनाव के बीच ये शर्त भी सुर्खियां बंटोर रही है. इस शर्त को दोनों दोस्तों ने 10 रुपये के स्टांप पर भी उतार दिया है. जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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कौन है बदायूं सीट से उम्मीदवार
दरअसल, बदायूं लोकसभा सीट से भाजपा ने दुर्विजय सिंह शाक्य को चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. दोनों ही अपने-अपने स्तर पर प्रचार और प्रसार में जुटे हुए हैं. हालांकि इस सीट पर बीते चरण यानी 7 मई को मतदान भी हो चुका है. लेकिन मतदान के बाद अब इस सीट पर जीतेगा कौन इसको लेकर शर्तें लगना शुरू हो गई हैं.
ये भी शर्त में बड़ी कंडिशन
ऐसे में दोनों ही दलों के नेता अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. बताया जा रहा है इस शर्त में एक और बात रखी गई है कि अगर चुनाव में जीतने वाला प्रत्याशी 5000 या उससे कम वोटो से चुनाव जीता है तो उनका अनुबंध खुद ही निरस्त हो जाएगा.
हालांकि, दोनों के बीच यह एग्रीमेंट अब इलाके में सुर्खियां तो बंटोर ही रहा है साथ ही चर्चा का कारण भी बन चुका है. बता दें कि इससे पहले बदायूं लोकसभा सीट को लेकर दो अधिवक्ताओं के बीच 10 रुपये के शपथ पत्र पर दो-दो लाख रुपए की शर्त रखी गई थी.
Source : News Nation Bureau