Exit Polls History: भारत में लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंंच चुका है. सातवें चरण का मतदान एक जून यानि कल होगा. अब सबकी नजरें 4 जून को आने वाले चुनाव परिणामों पर टिकी हैं. हालांकि इससे पहले एक जून को वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ जाएंगे. इसके जरिए अनुमान लग सकेगा कि किस पार्टी की सरकार बनती दिख रही है. अलग-अलग एजेंसियां इस एग्जिट पोल को कराती हैं. अकसर ये सटीक साबित होती हैं. आइए जानते हैं कि इसकी शुरूआत कब से शुरू हुई और विश्व में सबसे पहले एग्जिट पोल की शुरूआत कहां से हुई. इसका रिजल्ट कितना सटीक रहा था.
अमेरिका में सबसे पहला चुनावी सर्वे
भारत में एग्जिट पोल आने से पहले, इसकी शुरुआत कई देशों में पहले ही हो चुकी थी. अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण एशिया, यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया समेत विश्व के कई देशों में वोटिंग के बाद एग्जिट पोल का चलन देखा गया. इसकी शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका से हुई. साल 1936 में सबसे पहले अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने चुनावी सर्वे को शुरू किया था. उस सर्वे में पहली बार वोटिंग करके निकले वोटर से पूछा गया कि किस उम्मीदवार को वोट दिया.
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इस सर्वे के परिणाम काफी हद तक रियल रिजल्ट से मिलते जुलते थे. अनुमान लगाया गया था कि फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट को चुनाव में जीत मिलने वाली है. परिणाम वैसे ही सामने आए. हालांकि सर्वे ने अमेरिका के चुनाव परिणाम पर असर डाला था. इसके बाद भी तब इसे एग्जिट पोल न कहकर सर्वे का नाम दिया गया.
ब्रिटेन में पहली बार ऐसा सर्वे किया गया
अमेरिका के बाद दूसरे कई देशों में भी इस तरह के सर्वे हुए. अमेरिका के बाद वर्ष 1937 में ब्रिटेन में पहली बार ऐसा सर्वे किया गया. इसके बाद अगले वर्ष यानि 1938 में फ्रांस में पहली बार मतदाताओं से उनका मिजाज लिया गया. तब भी इसे सर्वे कहा गया, ना कि एग्जिट पोल. एग्जिट पोल की शुरुआत बाद में नीदरलैंड में हुई. 15 फरवरी 1967 को नीदरलैंड के समाजशास्त्री और पूर्व राजनेता मार्सेल वॉन डैम ने एग्जिट पोल का आरंभ किया था. उस समय नीदरलैंड में हुए चुनाव के परिणाम को लेकर मार्सेल वॉन डैम का आकलन एकदम फिट बैठा था.
जानें भारत में कैसे हुई एग्जिट पोल की शुरुआत
भारत में सबसे पहले 1957 में इंडियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन की ओर से पहली बार सर्वे कराया गया था. इसके मुखिया एरिक डी कॉस्टा ने ये सर्वे किया था. उस समय इसे एग्जिट पोल नहीं माना गया था. फिर साल 1980 और 1984 में डॉक्टर प्रणय रॉय की सर्वे किया गया था. औपचारिक तौर पर साल 1996 में भारत में एग्जिट पोल शुरू हुआ. इसकी शुरुआत सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) ने की थी. उस समय पत्रकार नलिनी सिंह ने दूरदर्शन के लिए एग्जिट पोल को शुरू किया था. इसके लिए सीएसडीएस ने आंकड़े भी एकत्र किए थे. इस पोल में कहा गया था कि बीजेपी लोकसभा चुनाव जीत रही है. ऐसा ही हुआ. इसी के बाद देश में एग्जिट पोल का चलन बढ़ा. साल 1998 में एक निजी न्यूज चैनल ने पहली बार एग्जिट पोल का प्रसारण किया था.
इस तरह से किया जाता है एग्जिट पोल
एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे है. इसके लिए पोलिंग बूथ से निकले मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया है. उनसे पूछा जाता है कि किस पार्टी या प्रत्याशी को अपना वोट दिया है. इससे मिले आंकड़ो का विश्लेषण किया जाता है. इस तरह से अनुमान लग जाता है कि चुनाव के नतीजे क्या होंगे.
Source : News Nation Bureau