लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में 59 सीटों पर देश के कई राज्यों में चुनाव है, लेकिन पश्चिम बंगाल की 9 सीटों का चुनाव बड़ा संग्राम बनता दिख रहा है. यहां चुनाव आयोग के फैसले पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) और बीजेपी (BJP) आमने सामने आ गए हैं. बता दें कि मंगलवार को अमित शाह (AMit Shah) के रोड शो में हुई हिंसा के बाद बुधवार को चुनाव आयोग (Election Commission) ने बंगाल में चुनाव प्रचार पर तय समय से 20 घंटे पहले बैन लगा दी है.
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चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद जहां ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) साफ कह रही हैं कि चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमित शाह (Amit Shah) के इशारे पर काम कर रहा है तो दूसरी ओर बीजेपी भी ममता बनर्जी पर हमलावर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी पर लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप लगाया है तो ममता बनर्जी कह रही हैं कि जरूरत पड़ी तो मोदी को जेल में डालेंगे.
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पिछले दिनों बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कोलकाता रोड शो के दौरान विद्यासागर कॉलेज में तोड़फोड़ के दौरान महान समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति टूट गई. जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भगवा पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप जारी है. इस पर ममता बनर्जी ने कहा, 'पिछले पांच साल में आप (पीएम) राम मंदिर नहीं बनवा पाए और तुम विद्यासागर की मूर्ति बनाना चाहते हो. इधर पश्चिम बंगाल में हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए चुनाव प्रचार का समय एक दिन कम करते हुए गुरुवार रात 10 बजे तक कर दिया है.
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इस पर पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ममता बनर्जी को कांग्रेस और लेफ्ट समेत कई विपक्षी दलों का साथ मिला है, हालांकि यहां ये जानना जरूरी है कि डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर और स्पेशल ऑब्जर्वर्स ने बंगाल पर जो रिपोर्ट दी थी उसमें साफ कहा गया है कि पुलिस-प्रशासन सभी उम्मीदवारों को समान अवसर नहीं दे रहा है, साथ ही टीएमसी के नेता 23 मई के बाद की धमकी लोगों को दे रहे हैं.
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गौरतलब है कि बंगाल में जारी चुनावी हिंसा के मद्देनजर राज्य की 9 लोकसभा सीटों पर आगामी 19 मई को होने वाले मतदान के लिए निर्धारित अवधि से एक दिन पहले ही प्रचार अभियान बंद हो जाएगा. चुनाव आयोग ने बुधवार को इस आशय का आदेश जारी करते हुए कहा कि बंगाल में 16 मई को रात दस बजे से हर प्रकार का प्रचार अभियान प्रतिबंधित हो जाएगा. उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि देश के इतिहास में संभवत: यह पहला मौका है जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार रोकना पड़ा हो.
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लोकसभा चुनाव (Lok Sabhe Election 2019) के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों की 59 सीटों पर 19 मई को होने वाले मतदान में पश्चिम बंगाल की नौ सीटें भी शामिल हैं. पूर्व निर्धारित चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक इस चरण के मतदान से 48 घंटे पहले, 17 मई को शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार थम जाएगा लेकिन बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुए आयोग ने राज्य में निर्धारित अवधि से एक दिन पहले, 16 मई को रात 10 बजे से किसी भी प्रकार का चुनाव प्रचार प्रतिबंधित कर दिया है. यह प्रतिबंध राज्य की सभी 9 सीटों पर 19 मई को शाम पांच बजे मतदान पूरा होने तक जारी रहेगा.
HIGHLIGHTS
- अमित शाह के रोड शो में हिंसा के बाद आयोग ने लिया ये बड़ा फैसला
- चुनाव आयोग ने एक दिन पहले रात 10 बजे प्रचार पर लगाया रोक
- आयोग के फैसले को लेकर बीजेपी और टीएमसी आमने-सामने