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तेजस्वी यादव का मायावती और अखिलेश यादव से मिलने का क्या हैं कांग्रेसी मायने ?

बिहार में कांग्रेस और तेजस्वी यादव दोनों महागठबंधन का हिस्सा है इसके बावजूद तेजस्वी ने कांग्रेस को लेकर कुछ नहीं कहा.

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Deepak Kumar
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तेजस्वी यादव का मायावती और अखिलेश यादव से मिलने का क्या हैं कांग्रेसी मायने ?

मायावती और अखिलेश से मिलने का क्या है कांग्रेसी मायना?

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यूपी में मायावती और अखिलेश यादव की पार्टी के बीच गठबंधन की ख़बर को ममता बमर्जी और तेजस्वी यादव ने लपकने में देरी नहीं दिखाई और तुरंत ही स्वागत किया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूस कांग्रेस (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा, 'लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किए गए SP-BSP गठबंधन का मैं स्वागत करती हूं. चलो जश्न मनाते हैं 'भारत के विचार' का स्वागत करते हैं जिसके लिए हमारे स्वतंत्रा सेनानियों ने अपना प्राण न्योछावर कर दिए. हमारे लोग और हमारी संस्थाओं को 'आज़ादी' शब्द के असल मायने को बनाए रखने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए.'

वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने SP (समाजवादी पार्टी) और BSP (बहुजन समाजवादी पार्टी) के गठबंधन का स्वागत करते हुए कहा, 'बिहार और उत्तर प्रदेश से आगामी लोकसभा चुनाव में BJP की हार शुरू हो चुकी है.' तेजस्वी यादव ने एक क़दम और आगे बढ़ाते हुए गठबंधन के ऐलान के अगले ही दिन यानि कि रविवार को मायावती और अखिलेश से मिलने पहुंच गए. तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर वॉल पर मायावती के पैर छूते हुए एक तस्वीर भी जारी की. तस्वीर के टाइटल में तेजस्वी ने लिखा, 'जन्मदिन की अग्रिम शुभकानमा. आप सचमुच सम्मान की हक़दार हैं क्योंकि अपने जीवन काल में आपने सब कुछ हासिल किया. वरिष्ठ हमें बहुत कुछ सिखाते हैं जब हम उनके सानिध्य में बड़े होते हैं. मैं उन्हें आने वाले सालों के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं और उनके सफलता की कामना करता हूं.'

वहीं सोमवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने के बाद तेजस्वी ने एक संयुक्त संवादाता सम्मेलन का आयोजन किया. पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का सफाया तय है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने ट्वीट किया, 'बिहार और उत्तर प्रदेश में BJP का सफाया तय है.'

तेजस्वी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मायावती का गठबंधन अटूट है. उन्होंने कहा कि RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद पहले से ही चाहते थे कि उत्तर प्रदेश में SP और BSP में गठबंधन हो.

अब सवाल उठता है कि बिहार में कांग्रेस और तेजस्वी यादव दोनों महागठबंधन का हिस्सा है इसके बावजूद तेजस्वी ने कांग्रेस को लेकर कुछ नहीं कहा. ज़ाहिर है हाल ही में कांग्रेस ने तीन राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत हासिल कर अपनी सरकार बनाई है. ऐसे में वो सभी राज्यों महागठबंधन का हिस्सा तभी बनना चाहेगी जब उन्हें बड़ा हिस्सा मिलेगा. वहीं क्षेत्रीय पार्टियों की अस्तित्व के लिए ज़रूरी है कि वो 2019 लोकसभा चुनाव में ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़े और ज़्यादा सीट जीतकर लाए.

गौरतलब है कि 2014 आम चुनाव में SP, BSP, RJD समेत सभी छोटी पार्टियां मोदी लहर के सामने बह गई थी. ऐसे में तेजस्वी यादव ने यूपी आकर अखिलेश यादव और मायावती से मिलकर पहले ही अपनी स्थिति साफ कर दी है कि उन्हें भी बिहार में बड़ा हिस्सा चाहिए.

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ममता बनर्जी पहले ही गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस महागठबंधन की बात कह चुकी है और इस सिलसिले में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से भी मुलाक़ात की है. हालांकि अब तक इस तरह का गठबंधन काग़ज पर नहीं बन पाया है लेकिन जिस तरह सभी लोग कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं ऐसे में लगता है कि अपरोक्ष रूप से इसकी शुरुआत हो चुकी है.

Source : Deepak Singh Svaroci

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