पहले चरण के लोकसभा चुनाव में महराष्ट्र की 7 सीटों पर 11 अप्रैल को वोट डाले गए थे. इस चरण में वर्धा, नागपुर, रामटेक, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर, चंद्रपुर और यवतमाल-वशिम सीटों पर मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर उम्मीदवारों की किस्मत EVM में लॉक कर दिया है. पहले चरण के मतदान में जिन प्रमुख प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा उनमें केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी (नागपुर) और हंसराज अहीर (चंद्रपुर) शामिल हैं. अब 18 अप्रैल को दूसरे चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं.. इस चरण में कुल 10 सीटों पर वोटिंग होगी. अगर प्रमुख उम्मीदवारों की बात करें तो इस चरण में पिछले चुनाव में रिकॉर्ड वोटों से जीत हसिल करने वाली प्रीतम मुंडे और कांग्रेस के अशोक चह्वाण, सुशील कुमार शिंदे प्रमुख हैं.
यह भी पढ़ेंः रोचक तथ्यः पहले चुनाव में हर वोट पर खर्च हुआ था 87 पैसा, 2014 में बढ़ गया 800 गुना
2014 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 23 सीटें जीती थीं, जबकि शिवसेना को 18 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस को मात्र 2 सीटें और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 4 सीटों पर जीत मिली थी. महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर शिवसेना और बीजेपी के बीच 23/25 का फॉर्मूला तय है. 23 सीटों पर शिवसेना जबकि 25 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है. आइए जानें किस सीट पर क्या है समीकरण...
बुलढानाः शिवसेना लगाएगी जीत की हैट्रिक या एनसीपी मारेगी बाजी
विदर्भ में आने वाली बुलढाणा लोकसभा सीट पर 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कुल 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. बुलढाणा सीट से बसपा से अब्दुल हफीज अब्दुल अजीज, शिवसेना से जाधव प्रतापराव गणपतराव और कांग्रेस से डॉ राजेंद्र भास्करवर शिंगणे मैदान में हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में भी शिवसेना के टिकट पर जाधव प्रताप राव चुनाव जीतकर सांसद बने थे. उन्होंने एनसीपी के कृष्ण राव इंगले को हराया था. जाधव लगातार दो बार जीतकर आ रहे हैं. इस बार भी शिवसेना ने उन्हें ही मैदान में उतारा है. वहीं, एनसीपी ने नए प्रत्याशी डॉ राजेंद्र भास्करवर शिंगणे को मैदान में उतारा है.
अकोला: क्या प्रकाश आंबेडकर कुछ चमत्कार दिखाएंगे
महाराष्ट्र की अकोला सीट पर कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस से हिदायतुल्ला बरकतुल्लाह पटेल, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से भाई बीसी कांबले और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से धोत्रे संजय शामराव को चुनाव मैदान में हैं. सभी चेहरे पुराने हैं. वहीं वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर भी चुनाव मैदान में हैं.इसके अलावा बहुजन मुक्ति पार्टी से प्रवीण लक्ष्मणराव भाटकर, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) से अरुण कंकर वानखेड़े व 5 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
यह भी पढ़ेंः BJP को 2 से 282 सीटों तक पहुंचने में 30 साल लगे, पहले ही चुनाव में अर्श पर पहुंचा जनता दल
2014 में महाराष्ट्र की अकोला लोकसभा सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता संजय शामराव धोत्रे ने कांग्रेस के प्रत्याशी हिदायातुल्ला बरकतुल्ला पटेल, भारिप बहुजन महासंघ (बीबीएम) के उम्मीदवार प्रकाश यशवंत आंबेडकर और बसपा प्रत्याशी भाई बीसी कांबले को करारी मात दी थी. 2014 में यह लगातार तीसरा मौका था, जब बीजेपी नेता संजय शामराव धोत्रे ने अकोला लोकसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाई थी.
अमरावतीः 25 सालों से शिवसेना का कब्जा
2019 लोकसभा चुनाव के लिए अमरावती सीट से 24 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिसमें 15 निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं. अमरावती लोकसभा सीट से शिवसेना ने इस बार भी सांसद अड़सुल आनंदराव को ही चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अरुण वानखेड़े को प्रत्याशी घोषित किया है. बहुजन महा पार्टी ने अठावले संजय को टिकट दिया है जबकि 15 निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.
यह भी पढ़ेंः राेचक तथ्यः पहली लोकसभा में सबसे ज्यादा वोटों से जीतकर पहुंचने वाला सांसद कांग्रेसी नहीं था
अमरावती लोकसभा सीट पर पिछले 25 सालों से शिवसेना जीतती आ रही है. वर्तमान में शिवसेना नेता आनंदराव अड़सूल यहां से लोकसभा सांसद हैं. आनंदराव अड़सूल पिछले दो बार से जीतते आ रहे हैं.
हिंगोलीः कांग्रेस और शिवसेना का समीकरण बिगाड़ेंगे छोटे दल
महाराष्ट्र की हिंगोली लोकसभा सीट से कुल 28 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें 17 निर्दलीय हैं. शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में हिंगोली लोकसभा सीट शिवसेना के हिस्से में है.इस बार शिवसेना से हेमंत पाटिल, कांग्रेस से सुभाष वानखेड़े के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से धनवे दत्ता चुनाव मैदान में हैं जबकि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से अल्ताफ अहमद भी ताल ठोक रहे हैं, वहीं 17 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना पसीना बहाना बहा रहे हैं.
इस सीट पर लंबे समय तक किसी पार्टी का कब्ज़ा नहीं रहा है. हिंगोली सीट पर कभी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) तो कभी शिवसेना को जीत मिली है. हिंगोली लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होता आया है. कभी BSP तो कभी भारतीय रिपब्लिकन पार्टी कांग्रेस और शिवसेना का समीकरण बिगाड़ती रही है.
यह भी पढ़ेंः रोचक तथ्य : कभी 3-3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं ये दिग्गज
इस बार भी शिवसेना और कांग्रेस के बीच टक्कर मानी जा रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के राजीव सातव ने शिवसेना के सुभाष वानखेड़े को हराया था. सातव को 4,67,397 वोट जबकि वानखेड़े को 4,65,765 वोट मिले थे. राजीव सातव ने 1600 वोटों के अंतर से हिंगोली लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी.
नांदेड़ः प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण की प्रतिष्ठा दांव पर
महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर कुल 14 उम्मीदवार मैदान ताल ठोंक रहे हैं. नांदेड़ महाराष्ट्र के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का गृह क्षेत्र है. अशोक चव्हाण खुद चुनावी मैदान में हैं तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चिखलीकर प्रताप गोविंदराव को प्रत्याशी बनाया है.
इस सीट से अभी कांग्रेस के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण सांसद हैं. 2014 के चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद इस सीट से जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के दिगंबर बापूजी पाटिल को हराया था. इसके अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) से अब्दुल समद, वंचित बहुजन आघाडी से भिंगे यशपाल नरसिंह राव , बहुजन मुक्ति पार्टी से मोहन आनंदरराव और 7 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं.
सोलापुर : जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य के सामने सुशील कुमार शिंदे
महाराष्ट्र की सोलापुर सीट से कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें 6 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सोलापुर सीट से धार्मिक गुरु जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने इस बार भी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे को ही टिकट दिया है. वहीं वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी से आंबेडकर प्रकाश यशवंत को उम्मीदवार बनाया गया है.
सोलापुर लोकसभा सीट महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे का गृह क्षेत्र और कांग्रेस का गढ़ रही है. शिंदे सोलापुर सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं. लेकिन 2014 में मोदी लहर के चलते यह सीट शिंदे के हाथ से चली गई थी. हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर शिंदे को ही मैदान में उतारा हैं.
परभणीः शिवसेना के गढ़ में एनसीपी की चुनौती
महाराष्ट्र की परभणी लोकसभा सीट से कुल 17 उम्मीदवार मैदान में हैं. शिवसेना का गढ़ कही जाने वाली परभणी लोकसभा सीट पर पार्टी इस बार भी अपने मौजूदा सांसद संजय हरिभाऊ जाधव पर भरोसा जताया है.2019 लोकसभा चुनाव के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से राजेश उत्तम राव , बहुजन समाज पार्टी ने (बसपा) वैजनाथ सीताराम , वंचित बहुजन आघाडी ने आलमगीर मोहम्मद खान के अलावा 4 निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव में संजय हरिभाऊ जाधव चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) के प्रत्याशी विजय भांबले को मात दी थी. संजय हरिभाऊ जाधव को 5,78, 455 वोट मिले थे जबकि विजय भांबले को 4,51,300 .
बीडः गोपीनाथ मुंडे की बेटी क्या दोहरा पाएंगी इतिहास
महाराष्ट्र की बीड से कुल 36 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें 26 निर्दलीय प्रत्याशी हैं. बीड से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे मैदान में हैं. उनके मुकाबले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से बजरंग मनोहर सोनवणे, वंचित बहुजन आघाडी की ओर से विष्णु जाधव, समाजवादी पार्टी से सैयद मुजम्मिल सैयद व 26 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
यह भी पढ़ेंः रोचक तथ्य : PM मोदी से भी ज्यादा वोट पाईं मुंडे ने
2014 में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेने के 9 दिन बाद ही गोपीनाथ मुंडे की सड़क हादसे में मौत हो गई. इसके बाद बीड लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए और गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे ने चुनाव मैदान में उतरीं. प्रीतम मुंडे ने 9,22,416 वोट हासिल करके अपने प्रतिद्वंदी और कांग्रेस नेता अशोक शंकरराव को हराया था. यह अपने आप में ऑल टाइम रिकॉर्ड है.
उस्मानाबादः नए चेहरे पर शिवसेना का दांव
उस्मानाबाद सीट से कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं. शिवसेना से ओमरोज निंबालकर, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एसीपी) से रणजगीत सिंह पद्मसिंह पाटिल , बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से शिवाजी पंढरीनाथ ओमान और वंचित बहुजन आघाडी से अर्जुन चुनाव मैदान में हैं. सात निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं. शिवसेना ने मौजूदा सांसद को टिकट काटकर नया उम्मीदवार मैदान में उतारा है.
इस सीट से शिवसेना के रविंद्र गायकवाड़ मौजूदा सांसद हैं. उन्होंने 2014 में एनसीपी के पद्मसिंह बाजीराव पाटिल को हराया था. 2014 को लोकसभा में शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन था.
लातूरः कांग्रेस का गढ़ रही है यह सीट
लातूर सीट से कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं. कांग्रेस से कामंत मछिंद्र , भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से सुधाकर तुकाराम श्रंगारे, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से सिद्धार्थ कुमार दिगंबरराव सूर्यवंशी, वंचित बहुजन आघाडी से राम गरकार समेत तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं. लातूर लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रही है, लोकसभा स्पीकर शिवराज पाटिल लातूर लोकसभा से लगातार 7 बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने. 2014 में बदलते समीकरण के बीच बीजेपी ने जीत दर्ज की और डॉ. सुनील गायकवाड़ सांसद बने.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA