Lok Sabha 6th Phase Election 2019: देश में आज छठे चरण का चुनाव हो रहा है. 7 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग शुरू हो चुकी है. इनमें यूपी की 14, हरियाणा की सभी 10, बिहार, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की आठ-आठ, झारखंड की चार और दिल्ली की सभी सात सीटें शामिल हैं. इन चुनावों में कई मुख्य चेहरें पर सबकी नजर होगी उनमें राधा मोहन सिंह, मेनका गांधी, एसपी चीफ अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य जैसे दिग्गजों का नाम है. रविवार को कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी होगी और उनकी कड़ी परीक्षा होगी कि लोग इन दिग्गज नेताओं का कैसे साथ देते हैं. क्या इनके पक्ष में लोग वोट करते हैं या फिर उन्हे नापसंद करते हैं. आपको ऐसी कुछ सीटों के बारे में बताते हैं जहां कांटे की टक्कर है.
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1. भोपाल
मध्य प्रदेश की भोपाल सीट पर मुकाबला कांटे का है. यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर सबकी नजर होगी और दिग्विजय को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिया है. साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट केस में अभियुक्त हैं. दिग्विजय सिंह 1993 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद वे 2003 तक मुख्यमंत्री रहे.
2. आजमगढ़
आजमगढ़ में इस बार यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की जगह चुनाव लड़ रहे हैं जिनका मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार और भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल निरहुआ से है. बीजेपी ने 2014 के चुनाव में इस चरण में उत्तर प्रदेश की 14 में से 13 सीटों पर जीत हासिल की थी, एकमात्र अपवाद आजमगढ़ था, जहां से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को जीत मिली थी.
3. पूर्वी दिल्ली
दिल्ली की सात सीटों में सबसे ज्यादा चर्चित सीट पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट है. इस सीट पर गांधी नगर विधानसभा के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली मैदान में हैं. वहीं बीजेपी ने पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी ने आतिशी को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में ये सीट बीजेपी के खाते में थी और महेश गिरी ने इस सीट से जीत दर्ज की थी. अरविंदर सिंह लवली पूर्वी दिल्ली की गांधी नगर विधानसभा सीट से 4 बार जीत दर्ज कर चुके हैं. 1998 में जीत दर्ज करने वाले वह सबसे युवा विधायक थे.
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4. उत्तर-पूर्वी दिल्ली
इस सीट पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी टक्कर दे रहे हैं. 2014 में इस सीट पर मनोज तिवारी ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा दिल्ली में किए कामों को मुद्दा बना रही है. 2019 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान तजुर्बेकार शीला दीक्षित को सौंपी है. 1998 में जिस समय शीला दीक्षित को सोनिया गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था, उस समय भी कांग्रेस की हालत आज जैसी पतली ही थी.
5. उत्तर-पश्चिमी दिल्ली
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी के टिकट पर गायक हंसराज हंस चुनाव लड़ रहे हैं. हंसराज हंस ने 2009 में शिरोमणि अकाली दल से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. पांच साल बाद, 2014 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली. फिर 10 दिसंबर 2016 को भाजपा में शामिल हो गए.
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6. दक्षिण दिल्ली
इस सीट पर बीजेपी की तरफ से रमेश बिधूड़ी उम्मीदवार हैं. बिधूड़ी अभी इस सीट से सांसद हैं. वहीं कांग्रेस ने बॉक्सर विजेंद्र सिंह को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी की तरफ से राघव चड्ढा चुनावी मैदान में हैं. 2014 में बिधूड़ी ने देवेंदर सहरावत को 1,07,000 के मतों से हराया था.
17. धनबाद
हाल में ही कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ति आजाद को पार्टी ने धनबाद सीट से प्रत्याशी बनाया है. कीर्ति आजाद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में बीजेपी विधायक के रूप में दिल्ली की गोल मार्केट विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर की. 1999 में वे लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए. 2009 में वे लोकसभा चुनावों में दोबारा जीते. 31 अगस्त 2009 को उन्हें मानव संसाधन विकास समिति और 9 जून 2013 से उन्हें गृह समिति का सदस्य बनाया गया.
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8. सुल्तानपुर
इस सीट पर बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी चुनावी मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय सिंह को सुल्तानपुर से टिकट दिया है. इस सीट पर पिछले चुनाव में उनके बेटे वरुण गांधी ने जीत हासिल की थी. इस बार मां-बेटे की सीट में अदला बदली की गई है. मेनका वरुण की जगह सुल्तानपुर से चुनाव लड़ रही हैं तो वरुण अपनी मां मेनका की सीट पीलीभीत से किस्मत आजमा रहे हैं.
9. पूर्वी चंपारण
इस सीट से बीजेपी ने राधामोहन सिंह को टिकट दिया है. राधामोहन सिंह ने राजनीति की शुरुआत 1967 में छात्र नेता के तौर पर की. उनके जनसंपर्क और जनजुड़ाव का ही नतीजा है कि वह 1989 से लेकर अब तक 5 बार सांसद रहे. इस सीट पर सिंह का मुकाबला रालोसपा के आकाश सिंह से है.
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10. गुना सीट
47 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं. इस बार फिर वह गुना सीट से मैदान में हैं. 30 सितंबर, 2001 को विमान हादसे में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया की मौत हो गई थी. फिर ज्योतिरादित्य राजनीति में आए. 2002 में लोकसभा के लिए उन्हें सर्वप्रथम चुना गया. 2004 में 14वीं लोकसभा में उन्हें दोबारा चुना गया.
Source : News Nation Bureau