समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन की घोषणा के बाद अब सीटों के बंटवारे की कवायद तेज हो गई है. दोनों दलों में इसे लेकर मंथर का दौर जारी है. आज बुधवार को भी इस पर मंथन हो सकता है. एक दिन पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव और आजम खां ने इस बारे में चर्चा की थी. दूसरी ओर, बसपा प्रमुख मायावती ने भी जोनल कोआर्डिनेटरों के साथ बैठक में इस बारे में फीडबैक लिया था. माना जा रहा है कि दोनों दल आज सीटों के नाम के फॉर्मूले पर सहमत हो सकते हैं.
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इसको लेकर दोनों ही दलों के रणनीतिकार, पार्टी अध्यक्षों अखिलेश यादव व मायावती के अलावा दोनों दलों के महासचिव राम गोपाल यादव और सतीश मिश्र लखनऊ में ही हैं. माना जा रहा है कि अपनी पार्टी की रणनीति तय करने के बाद आज मायावती और अखिलेश यादव की मुलाकात भी हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि अगर आज मुलाकात होती है तो सीटों के नाम पर सहमति बनाने की कोशिश हो सकती है. दोनों नेताओं के बीच एक दिन पहले ही मायावती के आवास पर मुलाकात होनी थी, जो किसी कारणवश स्थगित कर दी गई थी.
सूत्रों के अनुसार, दोनों दलों ने अभी तक यह तय किया है कि लोकसभा चुनाव 2014 में जो दल जिस सीट पर दूसरे नंबर पर रहा था, वहां उसकी दावेदारी होगी और वो सीट उसी के खाते में जाएगी. इस लिहाज से देखा जाए तो समाजवादी पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में 31 सीटों पर नंबर 2 पर रही थी. इसके अलावा पिछले चुनाव में सपा ने 5 सीटें जीती भी थीं. इस लिहाज से 37 सीटों पर उसकी स्वाभाविक दावेदारी बनती है.
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दूसरी ओर, बहुजन समाज पार्टी को पिछले चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी, लेकिन 33 सीटों पर वह नंबर 2 पर रही थी. इस लिहाज से उसकी दावेदारी 33 सीटों पर ही बनती है, लेकिन समाजवादी पार्टी ने गठबंधन करने के लिए दो कदम आगे बढ़कर बराबर-बराबर सीटों पर चुनावी लड़ने की बात पर हामी भर ली. माना जा रहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर बहुजन समाज पार्टी ने सीटों के लिहाज से माइलेज ले लिया है. दूसरी ओर रालोद को सीटें देने के लिए भी समाजवादी पार्टी ने अपने ही कोटे की सीटें देने का फैसला किया है.
इन सीटों पर सपा का दावा
समाजवादी पार्टी के हिस्से में जीती हुई पांच सीटों मैनपुरी, बदायूं, फिरोजाबाद, आजमगढ़ व कन्नौज तो आएगी ही. इसके अलावा, 31 अन्य सीटों जहां वह दूसरे नंबर पर रही थी, वो भी उसके खाते में आएंगी. उन सीटों में गोरखपुर, उन्नाव, फूलपुर, पीलीभीत, फैजाबाद, गौतमबुद्धनगर, हमीरपुर, बरेली, कैराना, बागपत, बिजनौर, एटा, झांसी, इटावा, गोण्डा, अमरोहा, फर्रूखाबाद, बलिया, आंवला, बहराइच, नगीना, मुरादाबाद, श्रावस्ती, कैसरगंज, लालगंज, इलाहाबाद, कौशाम्बी, बस्ती, गाजीपुर, रामपुर व सम्भल आदि शामिल हैं. पिछले चुनाव में गोरखपुर और फूलपुर सीटें बीजेपी के खाते में आई थीं पर इन दोनों सीटों पर हुए उपचुनाव में सपा ने बाजी मारी थी. बता दें कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने और केशव मौर्य के उपमुख्यमंत्री बन जाने से ये दोनों सीटें खाली हुई थीं.
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बसपा का दावा इन सीटों पर
पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा भले ही एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन 33 सीटों पर वह नंबर 2 पर रही थी. इनमें बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, हाथरस, आगरा, जालौन, अलीगढ़, अकबरपुर, देवरिया, महराजगंज, शाहजहांपुर, सलेमपुर, मेरठ, मिर्जापुर, राबर्ट्सगंज, बांसगांव, फतेहपुर, सुल्तानपुर, फतेहपुर सीकरी, मछलीशहर, भदोही, चंदौली, जौनपुर, घोसी, मोहनलालगंज, अम्बेडकरनगर,धौरहरा, बांदा, खीरी, डुमरियागंज, संतकबीरनगर, मिश्रिख, हरदोई व सीतापुर समेत 33 सीटें हैं. अब बसपा के खाते में 5 और कौन सीटें आएंगी, इस बारे में स्थिति साफ नहीं हो पाई है.
Source : Harendra Chaudhary