कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गरीबों को 72 हजार रुपये सालाना देने का वादा किया है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी किया है. अदालत ने पूछा कि इस तरह की घोषणा वोटरों को रिश्वत देने की कैटगरी में क्यों नहीं है. क्यों न पार्टी के खिलाफ पाबंदी या दूसरी कोई कार्रवाई की जाए. अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा है. कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है. हाईकोर्ट के वकील मोहित कुमार ने पीआईएल दाखिल की थी. चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और एसएम शमशेरी की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई.
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ये है कांग्रेस के घोषणापत्र
- गरीब लोगों को सालाना 72 हजार रुपए दिए जाएंगे.
- कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो 22 लाख खाली पदों को मार्च 2020 तक भर देगी.
- 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायतों में रोजगार दिया जा सकता है.
- हिन्दुस्तान के युवाओं को बिजनेस खोलने के लिए किसी तरह की कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी.
- मनरेगा के तहत 100 से 150 दिन गारंटी रोजगार कर दिया जाएगा.
- किसान अगर कर्ज नहीं चुका पा रहा है तो इससे सिविल अपराध माना जाएगा.
- शिक्षा सेक्टर के लिए हमने तय किया है कि जीडीपी का छह फीसदी पैसा हिन्दुस्तान की शिक्षा के लिए दिया जाएगा.
Source : News Nation Bureau