आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी भले ही 80 लोकसभा सीटों वाली यूपी में 74 सीट जीतने का दावा कर रही है, लेकिन उनके इन दावे पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी पानी फेर सकती है. चुनाव से पहले बीजेपी को एक बार फिर झटका लग सकता है. अपना दल ने बीजेपी को जो चेतावनी दी थी, उसकी समयसीमा 20 फरवरी को खत्म हो चुकी है. अपना दल ने कहा कि वह बिना किसी दबाव के अपना फैसला लेने को स्वतंत्र है. अब पार्टी अपना फायदा-नुकसान खुद भांप सकती है. अब वह बीजेपी के साथ रहेगी या नहीं, इसका फैसला पार्टी की बैठक में होगा. बीजेपी अब अपना दल की समस्याओं पर दिलचस्पी नहीं दिखा रही है.
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अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हमने कुछ समस्याओं को बीजेपी के नेताओं के सामने रखा था और उसके समाधान के लिए 20 फरवरी तक का समय दिया गया था. लेकिन, तय समय सीमा में समस्याओं को समाधान नहीं हुआ. साथ ही बीजेपी ने इस मामले में कोई दिलचस्पी भी नहीं दिखाई. इस केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि इससे यह लगता है कि बीजेपी को अपना दल की समस्याओं में कोई दिलचस्पी नही है. इसलिए अब अपना दल अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र है. जल्द ही होने वाली पार्टी की बैठक में यह तय होगा कि आगे क्या करना है. बता दें कि इससे पहले अपना दल ने बीजेपी को कहा कि या तो वे अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार सुधारें या तो पार्टी 'कोई भी निर्णय' ले सकती है.
Apna Dal convener and minister of state in Modi cabinet Anupriya Patel said that her party will now be free to choose its own path as the BJP leadership was not showing any interest in resolving her party’s issues
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— ANI Digital (@ani_digital) February 21, 2019
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गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना दल (एस) की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने 'टकराव' को स्पष्ट किया था. पटेल ने कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष और अपने पति आशीष पटेल के उस बयान के साथ खड़ी हैं जिसमें उन्होंने राजग में छोटे सहयोगी दलों के साथ भाजपा के 'व्यवहार' पर निराशा जताई थी. आशीष ने हाल ही मिर्जापुर में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि छोटे सहयोगी दल राजग के बड़े घटक दल बीजेपी द्वारा 'उपेक्षित' महसूस करती हैं.
Source : News Nation Bureau