उत्तराखंड के बागेश्वर में बेटे की शादी के कार्ड में BJP के पक्ष में मतदान करने की अपील करना गरुड़ के जोशी दंपति के लिए जी का जंजाल बन गया है. इसको लेकर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए सहायक रिटर्निंग अधिकारी ने जोशी दंपति को नोटिस जारी किया था. नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर मंगलवार को आरोपी दंपति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया. बताया जा रहा है कि दंपति ने शादी के कार्ड में प्रचार की सामग्री छापने से पहले पार्टी से किसी तरह की अनुमति नहीं ली थी.
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बता दें गरुड़ तहसील के जोशीखोला मटेना निवासी जगदीश जोशी और देवकी जोशी ने अपने बेटे की 22 अप्रैल को तय शादी के कार्ड में BJP का चुनाव चिह्न 'कमल' छपवाते हुए BJPके पक्ष में वोट देने की अपील की थी. सोशल मीडिया पर यह निमंत्रण पत्र वायरल होने पर सहायक एफएसटी, गरुड़ की तहरीर पर सहायक रिटर्निंग अधिकारी राकेश तिवारी ने दूल्हे के पिता को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाय और नोटिस जारी कर दी.
पिता ने गलती स्वीकारी
शादी के कार्ड में किसी पार्टी का चुनाव चिह्न छापने के मामले में दूल्हे के पिता ने गलती स्वीकारते हुए कहा कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि ऐसा करना कानून का उल्लंघन होगा. उत्तर को संतोषजनक नहीं मानने हुए सहायक रिटर्निंग ऑफिसर के निर्देश पर बैजनाथ थाना पुलिस ने इस मामले में जोशी दंपति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
प्रत्याशी घोषित नहीं, चुनाव व्यय खाते में चढ़ गया खर्चा
आचर संहिता उल्लंघन के आरोपी जोशी दंपति ने कार्ड छपवाई में आए एक हजार रुपये खर्च का ब्योरा और बिल अपने जवाब में संलग्न किया है. इस पर प्रशासन ने कार्ड छपवाने का यह खर्च BJP प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जोड़ दिया है. हालांकि अभी BJPप्रत्याशी के नाम की विधिवत घोषणा नहीं हुई है. ऐसे में जो भी BJPका प्रत्याशी होगा, एक हजार रुपये का व्यय उसे अपने चुनाव खर्च में पहले से जुड़ा मिलेगा.
Source : News Nation Bureau