राजस्थान में लोकसभा का चुनाव रोचक होता जा रहा है. भाजपा और कांग्रेस ने 25 में से 19 सीटों पर अपने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन सभी की निगाहें जोधपुर और झालावाड़ लोकसभा चुनाव पर टिकी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बाद अब सीएम अशोक गहलोत ने भी अपने बेटे को सियासी जंग में उतार दिया है. कांग्रेस ने मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जोधपुर से चुनाव मैदान में उतारा है. जोधपुर में वैभव गहलोत का मुकाबला केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से है. वहीं बीजेपी ने झालावाड़ से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस ने फिलहाल यहां से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. इसके साथ ही परिवारवाद के आरोपों लेकर जमकर सियासत हो रही है.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सियासी पारी शुरू करने वाले बेटे वैभव गहलोत को दो सलाह दी है. पहली ये कि राजनीति में वे अपने पिता यानि अशोक गहलोत को ही आदर्श चुने. उन्होंने कहा कि वैभव मेरे जैसा ही बने. दूसरी सलाह ये कि वैभव अपने दमखम से चुनाव लड़े न कि मुख्यमंत्री पिता के भरोसे. साथ में अशोक गहलोत ने भरोसा जताया कि वैभव ऐसा करके दिखाएंगे और अपने दमखम से चुनाव लड़ेंगे न कि मेरे भरोसे.
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दूसरी ओर भाजपा मुख्यमंत्री गहलोत के पुत्र वैभव को लोकसभा चुनाव लड़ाने को कांग्रेस के वंशवाद से जोड़ रही है. बेटे को लोकसभा टिकट दिलाने को लेकर लग रहे वंशवाद के आरोपों पर भी अशोक गहलोत ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि वैभव गहलोत ने 2009 में भी लोकसभा टिकट मांगा था, तब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैने टिकट नहीं लेने दिया था. फिर यूथ कांग्रेस को अध्यक्ष बनाया जा रहा था, तब भी मैंने नहीं बनने दिया था. वैभव गहलोत का मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी गजेंद्र सिहं शेखावत से है. शेखावत बीजेपी के हैविवेट उम्मीदवार माने जा रहे हैं. ऐसे में नज़रें इस पर टिकी हैं कि क्या गहलोत बेटे को जिताने के लिए जोधपुर में मोर्चा खोंलगे या राजस्थान में पार्टी के प्रचार पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
Source : News Nation Bureau