बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने न्यूज नेशन से खास बातचीत कर देश की वर्तमान राजनीति पर अपनी राय रखी. स्वामी ने बातचीत के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा. इस बीच बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राजीव गांधी की तारीफ भी की.
दुर्गा भक्त है ममता बनर्जी, मुस्लिम वोटों के लिए दिख रही है राम नाम से नाराजगी:
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, मनमोहन सिंह से लेकर ममता बनर्जी तक मेरे दोस्त हैं. मैंने करीब से जानता हूं. ममता बनर्जी दुर्गा भक्त हैं. उन्हें राम नाम से कैसे नाराजगी हो सकती है ? सिर्फ मुस्लिम मतदाता उनसे नाराज ना हो जाए ,इसलिए तुष्टीकरण की राजनीति करके ऐसे बयान दिए जा रहे हैं.
राहुल गांधी से जुड़ी याचिका, कांग्रेस की परोक्ष नीति:
सर्वोच्च न्यायालय में आज राहुल गांधी के दोहरी नागरिकता को लेकर सुनवाई है. याचिका में कहा गया है कि राहुल की नागरिकता पर जल्द ही फैसला आना चाहिए, तब तक राहुल गांधी को चुनाव लड़ने से रोकना चाहिए. इस पर सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि मेरे दस्तावेजों की चोरी करके यह याचिका लगाई गई है. इसके पीछे कांग्रेस का हाथ है. कांग्रेस चाहती है कि याचिका खारिज हो जाए, जिसके बाद राहुल गांधी की नागरिकता के मामले को झूठा साबित करके इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके.
राजीव गांधी की तारीफ, सोनिया गांधी पर निशाना:
राजीव गांधी बहुत अच्छे नेता थे ,मेरे अच्छे दोस्त भी थे ,लेकिन वह इटालियन परिवार से पीड़ित हैं. उन्हीं के दबाव में उन्होंने भारतीय विमान वाहक पोत का इस्तेमाल पिकनिक के तौर पर किया.
राजीव गांधी की मौत के गुनहगार चिदंबरम:
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, चंद्रशेखर सरकार में हमने यह कहा था कि हम चाहते हैं कि एसपीजी की सुरक्षा राजीव गांधी के साथ रहे, लेकिन चिदंबरम ने लिखित में दिया कि राजीव गांधी को एसपीजी की सुरक्षा की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, उसके बाद ही राजीव गांधी की हत्या हुई थी...सवालिया लहजे में स्वामी ने कहा, तो क्या इसके लिए चिदंबरम को दोषी ठहराया जा सकता है? जहां तक सोनिया गांधी की बात है उन्होंने राजीव गांधी के हत्यारों की सजा कम करने की दरख्वास्त की.. सवाल तो बहुत खड़े होते हैं.
बहुमत की ओर बढ़ती भाजपा आर्थिक मुद्दों पर नहीं जीते जाते चुनाव:
मुझे लगता है कि बीजेपी बहुमत की ओर बढ़ रही है. प्रियंका गांधी वाड्रा को अगर जीएसटी और नोटबंदी पर सवाल उठाने थे तो पहले उठाने चाहिए थे. मैं यह जरूर मानूंगा कि आर्थिक आधार पर आर्थिक नीतियों से चुनाव नहीं जीते जाते. इसका उदाहरण नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेई का चुनाव प्रचार है.
Source : News Nation Bureau