गोवा में बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के एक धड़े के भाजपा में विलय पर हस्ताक्षर करने के आदेश को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर राज्य विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को नोटिस जारी किया. याचिकाकर्ता सदानंद ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के विलय के लिए, उनकी पार्टी के संविधान के तहत विचार की गई प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए, जो वर्तमान मामले में नहीं किया गया है और इसलिए किसी भी राजनीतिक दल के वैध विलय का सवाल भी नहीं उठता है.
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पीठ ने अपने नोटिस में, उत्तरदाताओं को 30 अप्रैल तक लिखित उत्तर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. 27 मार्च को दो एमजीपी विधायक, मनोहर अजगांवकर और दीपक पुष्कर पार्टी से अलग हो गए और एक अलग विधायी इकाई का गठन किया और भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया. कार्यवाहक अध्यक्ष माइकल लोबो द्वारा अनुमोदित विलय ने गोवा विधानसभा में एमजीपी की ताकत विधानसभा में कम कर दी. जिसके कुछ देर बाद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक विधायक, सुदीन धवलीकर को राज्य के मंत्रिमंडल से हटा दिया था.
Source : IANS