चंडीगढ़ शहर को प्राकृतिक सुंदरता का वरदान भी प्राप्त है. जिसके चलते इसको सिटी ब्यूटीफुल भी कहा जाता है. साथ ही यह प्रशासनिक दृष्टि से भी अग्रणी शहर है. यह एक प्लान्ड शहर है, जो पंजाब और हरियाणा दो राज्यों की राजधानी है. यहां पर पंजाब हरियाणा के विधानसभाओं और सचिवालयों के अलावा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट भी हैं. इतिहास और विरासतों से रचा बसा चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है. चंडीगढ़ शहर को फ्रांसीसी मॉडर्निस्ट आर्किटेक्ट ली कार्बूजियर ने डिजाइन किया था. इस शहर में पियरे जिएन्नरेट, मैथ्यु नोविकी और अल्बर्ट मेयर के भी अद्भुत वास्तु नमूने देखे जा सकते हैं.
कुल 19 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं
चंडीगढ़ लोक सभा सीट के लिए कुल 19 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव में चंडीगढ़ में कई नेताओं की प्रतिष्ठा इस बार दांव पर है. कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार पहली बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर गठबंधन के उम्मीदवार मनीष तिवारी हैं.
भाजपा ने इस सीट को कांग्रेस से छीन लिया था
चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा का है. 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की किरण खेर ने जीत हासिल की थी.साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पवन बंसल यहां से जीते थे. इसके बाद 2004 और 2009 में हुए चुनावों में भी पवन बंसल जीते थे और केंद्र की यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे थे. लेकिन साल 2014 के चुनाव में भाजपा ने इस सीट को कांग्रेस से छीन लिया था और किरण खेर यहां से चुनाव जीती थी. 2019 के चुनाव में किरण खेर को एक बार फिर से बीजेपी ने मैदान में उतारा और फिर से यह सीट जीती. 2019 के चुनाव में यहां पर 71 फीसदी पोलिंग हुई थी.
किरण खेर 46,970 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी पवन बंसल को एक और बार शिकस्त देने में कामयाब रही. किरण खेर को 2,31,188 वोट हासिल हुए और पवन बंसल को 1,84,218 मिले. वहीं आप के हरमोहन धवन को महज 13,781 वोट ही हाथ लगे. चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर 70.62 फीसदी मतदान हुआ था.
भाजपा पूरी तरीके से आश्वस्त नजर आ रही
अपनी जीत को लेकर संजय टंडन और भाजपा पूरी तरीके से आश्वस्त नजर आ रही है .. संजय टंडन ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है 10 साल की मोदी सरकार की कारगुजारी को लेकर वह जनता के बीच में पहुंचे हैं और हर वर्ग का समर्थन उन्हें मिल रहा है जो चंडीगढ़ में आज तक नहीं हुआ वह संजय टंडन करके दिखाएंगे...
वहीं भाजपा के खिलाफ इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार मनीष तिवारी भी अपनी जीत का दम भर रहे है. सुबह से लेकर शाम तक कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. मनीष तिवारी के अनुसार चंडीगढ़ का विकास पिछले 10 साल से रुका हुआ है.
पहली बार एक टी-स्टॉल वाला भी चुनावी मैदान है
वहीं, चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव-2024 के लिए पहली बार एक टी-स्टॉल वाला भी चुनावी मैदान है. पांचवीं पास विनोद कुमार यहां पर सेक्टर-24 में पिछले 20 साल से चाय का स्टॉल लगाते रहे हैं. ऐसे में अब वह लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं. 50 साल के विनोद कुमार ‘चाय वाले’ के नाम से मशहूर हैं.
Source : News Nation Bureau