लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले एक बार फिर हनुमान जी राजनीतिक विवादों के केंद्र में आ गए हैं. मेरठ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अली और बजरंगबली को लेकर बयान दिया. सीएम ने कहा, 'अगर कांग्रेस, एसपी, बीएसपी को 'अली' पर विश्वास है तो हमें भी 'बजरंगबली' पर विश्वास है'. उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के लोग मान चुके हैं कि बजरंग बली के अनुयायी उन्हें कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे इसलिए अलग-अलग मंच पर जाकर सिर्फ अली-अली चिल्लाकर इस देश में सिर्फ एक हरा वायरस के जरिए बसने के लिए फिर से भेजना चाहेत हैं लेकिन भाईयों और बहनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश को इस हरे वायरस की चपेट में आने की आवश्यकता नहीं है.
यहां देखिए योगी आदित्यनाथ का विवादित बयान
बता दें कि इससे पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आरोप लगा था कि योगी आदित्यनाथ ने बजरंगी बली की जाति बताते हुए कहा था उन्होंने हनुमान जी को दलित कहा था. सीएम योगी ने अलवर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं जो स्वंय वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं वंचित हैं. भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक पूरस से लेकर पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं.
योगी के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी. योगी के बाद बजरंगबली पर राजनीति तेज हो गई थी और अलग-अलग पार्टियों के नेता अपने-अपने तरीके से बजरंग बली की जाति बता रहे थे.