यूं तो पूरे देश में चुनावी माहौल था. मोदी सरकार के बनने से कोई मायूस तो कोई बहुत खुश था. लेकिन मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के राजगढ़ के हराना गांव में दो बीजेपी और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच इस चुनावी सरगर्मी के चलते कुछ अजीब ही शर्त हो गयी. यह शर्त कुछ यू थी की जिस कार्यकर्ता की पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी, उसे बीच चौराहे पर अपना सर मुंडन करवाना होगा.
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जी हां, कांग्रेस के कार्यकर्ता बापूलाल सेन और बीजेपी के कार्यकर्ता बाबूलाल मंडलोई के बीच कुछ यही शर्त हुई थी. बापूलाल सेन का कहना था कि 23 मई को मतगणना के बाद देश में यूपीए की सरकार बनेगी और हमारे नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) प्रधानमंत्री बनेंगे. जबकि बीजेपी कार्यकर्ता बाबूलाल का दावा था कि इस बार उसकी पार्टी प्रचंड बहुमत हासिल करेगी और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे.
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अब लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के नतीजे घोषित हो गए हैं और एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भारी बहुमत से जीत हासिल की है तो कांग्रेस बहुमत से कोसों दूर है. बीजेपी के पक्ष में जनादेश आने के बाद कांग्रेस (Cngress) के कार्यकर्ता बापूलाल सेन ने अपनी शर्त के मुताबिक बीच चौराहे पर मुंडन करवाया. साथ ही उन्होंने अपनी ही पार्टी की हुई इस हार को 10 दिन में कर्जमाफी न करने का परिणाम बताए हुए वादा निभाने का संदेश दिया है.
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