23 मई को मतगणना के दिन दिल्ली के लोगों को अपने-अपने प्रत्याशियों का भविष्य जानने के लिए 5 से 6 घंटे तक इंतजार करना होगा. चुनाव परिणाम में होने वाले इस विलंब के लिए वीवीपैट पर्चियों से ईवीएम में दर्ज वोटों का मिलान करना जिम्मेदार बनेगा. गौरतलब है कि 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली-एनसीआर में 7 संसदीय सीटें हैं. रविवार को आए एक्जिट पोल में सातों की सातों सीटों पर बीजेपी को क्लीन स्वीप करते दिखाया गया है.
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वीवीपैट पर्चियों से मिलान बनेगा देरी की वजह
मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने सोमवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ईवीएम में दर्ज वोटों की गिनती होने के बाद वीवीपैट पर्चियों से मिलान किया जाएगा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर की 70 विधानसभा सीटों में से पांच-पांच वीवीपैट पर्चियां निकाली जाएंगी. फिर उनका मिलान ईवीएम में दर्ज वोटों से किया जाएगा. इस प्रक्रिया में दिल्ली-एनसीआर में इस्तेमाल में लाई गई 350 वीवीपैट मशीनों से निकली पर्चियों का इस्तेमाल किया जाएगा. इस कारण अंतिम परिणाम प्राप्त होने में विलंब होगा.
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पोस्टल मतों की गिनती से शुरू होगी 23 को मतगणना
दिल्ली में 23 मई को होने वाली मतगणना के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में एक मतगणना केंद्र स्थापित किया जाएगा. प्रत्येक 10 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक मतगणना हॉल इस्तेमाल में लाया जाएगा. एक हॉल में अधिकतम 14 मेज लगाई जाएंगी. पहले चरण की वोटिंग वाली मशीनों के वोट पहले गिने जाएंगे. फिर वह आंकड़ा सुविधा एप में अपलोड किया जाएगा. सुबह 8 बजे शुरू होने वाली मतगणना की शुरुआत पोस्टल वोट की गिनती से होगी.
HIGHLIGHTS
- पांच-पांच वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम में दर्ज वोटों से मिलान करने में होगी देरी.
- 70 विधानसभा वाले दिल्ली-एनसीआर में लगी थी 350 वीवीपैट मशीनें.
- एक्जिट पोल में सातों की सातों सीट बीजेपी के खाते में जाती बताई गईं.
Source : News Nation Bureau