पश्चिम उत्तर प्रदेश के देवबंद में गठबंधन की संयुक्त रैली में बीएसपी अध्यक्ष मायावती के निशाने पर नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी रहे. मायावती ने कांग्रेस के न्यूनतम आय योजना यानी न्याय योजना को जुमला बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के 15-20 लाख देने वाले वादे की तरह ही अतिगरीबों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का 72 हजार देने का वादा भी एक जुमला है. लोगों को विरोधी पार्टियों के हवा-हवाई वादों के बहकावे में नहीं आना है. इस चुनावी जनसभा में मायावती ने गरीबी दूर करने का अपना फॉर्मूला भी बताया.
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बसपा सुप्रीमों मायावती ने कहा कि 2014 के चुनाव में बीजेपी ने देश की जनता को अच्छे दिन दिखाने के वादे किए थे. बीजेपी का ये वादा भी कांग्रेस सरकार की तरह ही खोखले साबित हुए. नरेंद्र मोदी का गरीबों को 15-20 लाख देने और सबका साथ सबका विकास का नारा भी जुमला बन कर रह गया है.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुखिया राहुल गांधी की नजर देश के अति गरीब लोगों के वोटों पर है. हर महीने 6 हजार रुपये देने की जो बात राहुल गांधी ने कही है, उससे गरीबी का कोई स्थायी हल निकलने वाला नहीं है. अगर केंद्र में हमें सरकार बनाने का मौका मिलता है तो हर महीने सरकारी व गैर-सरकारी क्षेत्रों में स्थायी रोजगार देने की व्यवस्था करेगी.
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गरीबी हटाने के मुद्दे पर उन्होंने इंदिरा गांधी को भी निशाने पर लिया. मायावती ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की दादी इंदिरा गांधी ने भी गरीबी हटाने के लिए 20 सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा कर गरीबों से छलावा करने का काम किया था. लेकिन आज भी लोग गरीबी से जूझ रहे हैं. हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन होता है. यदि केंद्र में हमें सरकार बनाने का मौका मिला तो अतिगरीब पिछड़ेपन को दूर करने के लिए स्थायी व्यवस्था करूंगी. उन्होंने कहा कि सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों के जरिए हर हाथ को काम देकर गरीबी की समस्या को दूर करेंगे.
Source : News Nation Bureau