अयोध्या में राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir) में भले ही देर लगे, लेकिन मंदिर उसी स्थान पर बनेगा. यह कहना है बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी का. दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के कांफ्रेंस सेंटर में 'श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन राष्ट्रीय पुनर्जागरण' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) से पहले राम मंदिर (Ram Temple) नहीं बने तो इससे निराश होने की जरूरत नहीं है.
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उन्होंने कहा कि हम चुनाव के बाद राम मंदिर (Ram Mandir in Ayodhya) वहीं बनवाएंगे, जिस जमीन पर रामलला विराजमान हैं. राम मंदिर बनना निश्चित है, इस पर किसी को संदेह नहीं करना चाहिए. लोकसभा चुनाव (General Election 2019) के बाद रामलला की जमीन को रातोंरात विश्व हिंदू परिषद (VHP) के हवाले कर दिया जाए.
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संगोष्ठी के आयोजक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि राम मंदिर इस शताब्दी का सबसे बड़ा आंदोलन है. हम इस आंदोलन के जरिए समाज के विभिन्न अंगों पर क्या प्रभाव पड़ा. इस संगोष्ठी के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैला रहे हैं.
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इस संगोष्ठी का आयोजन अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ की तरफ से किया गया थ. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल की प्रेरणा से संस्थापित 'अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ' की ओर से डॉ. स्वामी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया था. इसमें डॉ. स्वामी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण कार्य पर सरकार विधेयक नहीं लाई, इसमें निराश होने की जरूरत नहीं है. महात्मा गांधी ने 1929 में कहा था, मैं स्वराज एक साल में दिलवाउंगा और उनको 17 साल अतिरिक्त लग गए, लेकिन किसी ने उसे याद नहीं रखा.
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डॉ. स्वामी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 308 में यह स्पष्ट है कि सरकार को स्वामित्व का अधिकार है. वह किसी की भी जमीन ले सकती है, लेकिन, ऐसा करने के बाद न्यायपूर्ण मुआवजा देना चाहिए. उन्होंने रामसेतु के मुद्दे को विस्तार से बताते हुए छात्रों को बताया कि किस तरह से उन्होंने रामसेतु विस्फोट पर स्टे लगवाने के लिए प्रयास किए थे. सर्जिकल स्ट्राइक के बारे स्वामी ने कहा कि यह अभूतपूर्व है. वह वर्ष भी दूर नहीं जब हम देखेंगे कि पाकिस्तान के हमने चार टुकड़े कर दिए हैं.
Source : News Nation Bureau