मधेपुरा से निर्वतमान सांसद और जन अधिकार पार्टी के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गुरुवार को मधेपुरा लोकसभा सीट से नामांकन पर्चा दाखिल किया. इसके बाद उन्होंने कहा, "कोसी का बेटा हूं और एकबार फिर आशीर्वाद लेने आया हूं." उन्होंने विपक्षी महागठबंधन का समर्थन नहीं मिलने पर कहा कि इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत अहंकार के कारण महागठबंधन को कमजोर किया गया. पप्पू यादव ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि यहां की जनता अपने बेटे को आशीर्वाद देगी और बाहर से आए लोगों को बाहर ही रखेगी. मधेपुरा, सहरसा की जनता इतिहास लिखेगी. बाहर से आए नेताओं को जनता सबक सिखाएगी, क्योंकि ये नेता ऊपर से आकर जाति, धर्म के समीकरण पर चुनाव लड़ने आए हैं. इस धरती की महान जनता इनका 'फुल एंड फाइनल' कर देगी."
इससे पहले पप्पू ने अपनी मां का अशीर्वाद लिया और उनकी पत्नी और सुपौल की वर्तमान कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने भी विजय तिलक कर चुनाव में बहुमत से जीत दर्ज करने की कामना की.
महागठबंधन के सवाल पर पप्पू यादव ने कहा, "आज देश संकट के दौर से गुजर रहा है. संवैधानिक संस्थाओं को ध्वस्त करने की कोशिश की जा रही है. परिस्थितिवश हम जिस ताकत को हराना चाहते हैं, उसके लिए महागठबंधन से एकता की उम्मीद की थी."
सांसद पप्पू यादव ने नामांकन के बाद एक चुनावी सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मधेपुरा, सहरसा की जनता उनके साथ चलेगी, जो इस धरती का है और यहां सुख, दुख में साथ खड़ा होता है. बिहार में सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव में मधेपुरा में तीसरे चरण में यानी 23 अप्रैल को मतदान होना है.
Source : IANS