चुनाव आयोग ने धन के अधिक उपयोग के मामले में तमिलनाडु के वेल्लोर निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव को रद्द कर दिया है. इस बारे में चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को सिफारिश भेजा था. मंजूरी मिलने के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने चनाव रद्द करने का फैसला कर लिया. चूंकि राष्ट्रपति ही लोकसभा चुनाव की अधिसूचना पर हस्ताक्षर करते हैं, इसलिए चुनाव आयोग ने उनको अपनी सिफारिश भेजा था. चुनाव रद्द करने क यह मामला कुछ दिनों पहले द्रमुक उम्मीदवार के कार्यालय से कथित रूप से नकद राशि जब्त किए जाने को लेकर है. 10 अप्रैल को जिला पुलिस ने DMK के वेल्लोर उम्मीदवार और दो अन्य के खिलाफ आयकर छापे के संबंध में एफआईआर दर्ज की थी.
डीएमके के उम्मीदवार डीएम कथिर आनंद के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनके हलफनामे में "गलत सूचना" देने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था. आनंद पार्टी के वरिष्ठ नेता दुरई मुरुगन के बेटे हैं. 2016 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के दौरान, ईसीआई ने बड़े पैमाने पर धन वितरण की शिकायतों के बाद तंजावुर और अरवाकुरीची क्षेत्रों के चुनाव को रद्द कर दिया था.
इससे पहले, इनकम टैक्स विभाग की टीम ने 30 मार्च को दुरई मुरुगन के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें बेहिसाब संपत्ति बरामद हुई थी और 10.50 लाख रुपये नकद जब्त किए गए थे. दो दिन बाद इनकम टैक्स अफसरों ने उसी जिले में डीएमके नेता के सहयोगी से जुड़े सीमेंट गोदाम से 11.53 करोड़ रुपये जब्त किए थे.
दुरई मुरुगन ने तब कहा था, "हमने कुछ नहीं छिपाया." उन्होंने यह भी कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्य आयकरदाता थे. उन्होंने आरोप लगाया कि छापे एक 'षड्यंत्र' के तहत डाले गए. उन्होंने छापों की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए.
Source : News Nation Bureau