बीजू जनता दल (बीजेडी) के पूर्व सांसद बैजयंत जय पांडा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में पांडा ने पार्टी की सदस्यता ली. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की. पांडा ने पिछले साल मई में बीजेडी से इस्तीफा देते हुए कहा था कि वह व्यक्तिगत अपमान की वजह से इस्तीफा दे रहे हैं और पार्टी अपने संस्थापक बीजू पटनायक के आदर्शो से भटक गई है.
बता दें कि बैजयंत पांडा ओडिशा के कद्दावर नेता हैं. उनके शामिल होने से आगामी लोकसभा चुनाव और ओडिशा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को काफी मजबूती मिल सकती है.
बैजयंत पांडा ने बीजेपी में शामिल होने के बाद ट्वीट कर कहा, '9 महीनों के आत्मनिरीक्षण और सहयोगियों व जनता के साथ काफी सलाह लेने के बाद. सभी से समर्थन मिलने के लिए आभार. महाशिवरात्रि के खास मौके पर मैंने बीजेपी में शामिल होने का और नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अपनी पूरी क्षमता के साथ ओडिशा और भारत की सेवा करने का निर्णय लिया.'
Nine months of introspection & widespread consultations w/colleagues & public.
Grateful for support recd from all over.
On auspicious #MahaShivratri I've decided to join @BJP4India & work under the leadership of @narendramodi Ji to serve Odisha & India to the best of my ability🙏— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) March 4, 2019
राज्य विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ हो सकते हैं, बीजेपी को उम्मीद है कि पांडा की मौजूदगी से उसे काफी फायदा मिलने वाला है, खासकर राज्य के तटीय इलाकों में.
ओडिशा में कुल 21 संसदीय सीट हैं और 2014 में बीजेडी ने 20 सीटों पर जीत हासिल की थी. ओडिशा ऐसे राज्यों में शामिल रहा जहां बीजेपी को 'मोदी लहर' का फायदा नहीं मिला था. बीजेपी ने राज्य में सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की थी. सुंदरगढ़ से बीजेपी के सांसद केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव हैं.
बैजयंत पांडा 2009 और 2014 में ओडिशा के केंद्रपाड़ा लोकसभा सीट से चुने गए थे. इससे पहले वह बीजेडी के टिकट पर दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए थे. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पांडा को पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने के कारण पिछले साल 24 जनवरी को निलंबित कर दिया था.
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मई 2018 में इस्तीफा देते हुए पांडा ने बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक को लिखे पत्र में कहा था, 'मैंने बहुत दुख और पीड़ा के साथ उस राजनीति को छोड़ने का फैसला किया है, जिसमें हमारा बीजद इस समय शामिल हो गया है.'
उन्होंने अपने पत्र में कहा था, 'बीजेडी और आपने यह स्पष्ट कर दिया है कि मैं अवांछित हूं, इसलिए इससे अलग हो जाना ही उचित है.'
Source : News Nation Bureau