समाजवादी पार्टी का गढ़ है उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट. पिछले 6 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से समाजवादी पार्टी (SP) को हराने वाला कोई नहीं मिला. यहां तक कि मोदी की सुनामी वाली 2014 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2014) में भी सपा ने यह सीट बरकरार रखी. उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार से आने वाले मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के भतीजे धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav) यहां से बड़े अंतर से जीते, ऐसे में अब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (SP-BSP) के गठबंधन के बाद यहां BJP की जीत इतनी आसान नहीं दिख रही है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
- शुरुआती दो चुनाव में यहां कांग्रेस के उम्मीदवार जीते, लेकिन 1962 और 1967 में यहां भारतीय जनसंघ ने चुनाव बड़े अंतर से जीता.
- अगर 1977 चुनाव को छोड़ दें तो कांग्रेस का झंडा 1971, 1980 और 1984 के चुनाव में बुलंद रहा.
- 1989 में जनता दल और 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्जा जमाया. 1996 में समाजवादी पार्टी के सलीम इकबाल ने यहां पर चुनाव जीता, जिसके बाद यहां सपा का एकछत्र राज शुरू हुआ. सलीम इकबाल यहां से लगातार चार बार जीते.
- 2009 में इस सीट पर मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव ने जीत दर्ज की और 2014 का चुनाव भी बड़े अंतर से जीता.
2014 का चुनाव परिणाम
2014 के लोकसभा चुनाव में सपा के धर्मेंद्र यादव ने यहां एक तरफा जीत हासिल की, उन्हें करीब 48 फीसदी वोट मिले थे. बीजेपी के उम्मीदवार को सिर्फ 32 फीसदी ही वोट मिले थे. इस सीट पर कुल 58 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें से करीब 6200 वोट NOTA में गए थे.
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धर्मेंद्र सिंह यादव का प्रोफाइल
मुलायम सिंह के बड़े भाई अभय राम यादव के बेटे हैं धर्मेंद्र सिंह यादव . अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत उन्होंने बतौर ब्लॉक प्रमुख से की थी. 2004 में वह मैनपुरी से उपचुनाव जीते थे, लेकिन 2009 और 2014 में उन्होंने यहां से जीत दर्ज की.
क्या है समीकरण
बदायूं लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम और यादव मतदाताओं का वर्चस्व है. यहां दोनों समुदायों के मतदाता करीब 15-15 फीसदी हैं. 2014 के आंकड़ों के अनुसार यहां करीब 18 लाख मतदाता हैं, इसमें 9.7 लाख पुरुष और 7.9 लाख महिलाएं हैं.
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बदायूं लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें हैं. इनमें गुन्नौर, बिसौली, सहसवान, बिल्सी और बदायूं शामिल हैं. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में सिर्फ सहसवान सीट पर ही सपा जीत पाई थी, बाकी सभी सीटें BJP के खाते में गई.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA