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Lok Sabha Election: पूर्वांचल में हॉट सीट गाजीपुर, जानें यहां के सियासी हालात, माफिया प्रभाव अब कितना बचा

Lok Sabha Election 2024: अफजाल अंसारी को अगर कोर्ट से सजा मिलती है तो उनकी बेटी नुसरत अंसारी उनकी जगह होंगी. बेटी नुसरत अंसारी का भी नॉमिनेशन कराया गया है.

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Mohit Saxena
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afzal ansari

afzal ansari ( Photo Credit : social media)

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Lok Sabha Election 2024: सियासत की धुरी पर घूमती पूर्वांचल में हॉट सीट गाजीपुर चर्चा का विषय है. इसका प्रभाव न सिर्फ उत्तर प्रदेश की राजनीति पर पड़ता है बल्कि बिहार पर भी होता है. ये उत्तर प्रदेश बिहार का बॉर्डर है जहां सभी पार्टियों की निगाहें टिकी रहती हैं. गाजीपुर अंसारी बंधुओं खासतौर पर माफिया नेता मुख्तार अंसारी के गुजर जाने के बाद बदली राजनीतिक रणनीति पर है. अब अदालत और सत्ता में किस्मत आजमा रहे अफजाल अंसारी पर फैसले से तय होगा कि गाजीपुर में अब माफिया प्रभाव कितना बचा है. 

अफजाल अंसारी ने अपनी बेटी नुसरत अंसारी का भी नॉमिनेशन कराया ताकि अगर कोर्ट से सजा मिलती है तो उनकी बेटी उनकी जगह ले सके. अफजाल अंसारी न सिर्फ अपने लिए बल्कि अपनी बेटी के लिए भी  वोट मांग रहे हैं, वो भी एक ही सीट के लिए नुसरत निर्दलीय खड़ी हैं. अगर अफजाल पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत allahabad हाईकोर्ट ने सजा सुनाई तो सपा से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे ऐसे में उनकी बेटी नुसरत  चुनावी अखाड़े में होंगी.

बड़े वोट बैंक पर अपनी पकड़ रखते हैं

2024 के इस अखाड़े में इस बार बाहुबली नेता अफजाल अंसारी के सामने बीजेपी के पारस नाथ राय जो भूमिहारों के बड़े वोट बैंक पर अपनी पकड़ रखते हैं, चुनावी मैदान में हैं। वहीं बीएसपी से उमेश सिंह चुनाव में हाथी को दौड़ा रहे हैं. 2019 के लोकसभा में अफजाल अंसारी ने हाथी के निशान पर गाजीपुर से चुनाव लड़ा था और जीते भी थे, तब बीएसपी और सपा गठबंधन था. उस समय बीजेपी के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को 1 लाख से ज्यादा मतों से हराया था. अफजाल अन्सारी को 5 लाख 66 हज़ार 82 वोट मिले थे. जबकि मनोज सिन्हा को 4 लाख 46 हजार 690 वोट मिल पाए थे.

2014 की मोदी लहर में गाजीपुर का समीकरण बदल गया और बीजेपी के मनोज सिन्हा यहां गद्दी पर बैठे. हालांकि तब न तो अफजाल अंसारी थे चुनावी मैदान में और न बीएसपी एसपी का गठबंधन था. 2009, 2004 में गाजीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी.

समाजवादी पार्टी से जीतकर संसद भवन पहुंचे 

2004 में अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी से जीतकर संसद भवन पहुंचे थे. 17 बार हुए लोकसभा के चुनाव में गाजीपुर से 4 बार कांग्रेस जीती, 3 बार बीजेपी, 3 बार समाजवादी पार्टी, 1 बार बहुजन समाज पार्टी ने जीत हासिल की थी. गाजीपुर में 5 विधानसभा सीटें हैं। 2022 के चुनाव में 4 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी. 

अब जानिए जातीय समीकरण क्या कहते हैं 

गाजीपुर में 4 लाख एससी, 4 लाख यादव वोटर्स, 2 लाख 70 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. वहीं 2 लाख 70 हजार राजपूत, 1.50 लाख ब्राह्मण और 35 हजार भूमिहार हैं. कुल वोटर्स की संख्या 20 लाख 70 हजार है. मुकाबला त्रिकोणीय है ऐसा माना जा रहा है लेकिन असल ये है कि लड़ाई गाजीपुर में सिर्फ बीजेपी और सपा के बीच है. 1 जून 2024 को 7वें चरण का चुनाव है, जिसके लिए गाजीपुर की जनता तैयार है

Source : News Nation Bureau

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