लोकसभा चुनाव 2019 में बिहार की बेगूसराय सीट लगातार चर्चा में बनी हुई है. कभी बिहार महागठबंधन के सीट शेयरिंग फार्मूले को लेकर तो कभी जेएनयू छात्र संघ के नेता रहे कन्हैया कुमार की दावेदारी को लेकर, तो कभी बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह के चुनाव लड़ने को लेकर. खासकर अब कन्हैया कुमार और गिरिराज सिंह के आमने-सामने होने से यह सीट चर्चा का विषय बन गई है. हालांकि बेगूसराय इस बार एक विवादास्पद शख्सियत के कारण फिर से चर्चा में आ गया. वजह बना है मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जमानत पर जेल से रिहा हुईं बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के साथ मंच साझा करती दिखना.
बेगूसराय लोकसभा सीट पर एनडीए के उम्मीदवार गिरिराज सिंह ने शनिवार को अपने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी लड़ाई जेल और बेल (जमानत) वालों से है, लेकिन जिस मंच से गिरिराज सिंह ये बातें कह रहे थे, उसी मंच पर उनके साथ बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा भी बैठी थीं. वह हाल ही में मुजफ्फरपुर कांड में आर्म्स एक्ट के मामले में जमानत पर जेल से रिहा हुई हैं.
दरअसल, शनिवार को बेगूसराय लोकसभा सीट पर एनडीए के उम्मीदवार गिरिराज सिंह की जीत की रणनीति बनाने को लेकर एनडीए ने कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस कार्यकर्ता सम्मेलन में गिरिराज सिंह, बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा, मटिहानी के विधायक नरेन्द्र सिंह के साथ ही हाल ही में आर्म्स एक्ट मामले में जेल से जमानत पर रिहा हुईं बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा भी मौजूद थीं.
मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी कन्हैया कुमार का नाम लिये बगैर कहा कि मेरी लड़ाई सबूत मांगने वालों से है. जनता को तय करना है कि उन्हें सबूत मांगने वाला चाहिए या सपूत चाहिए. साथ ही कहा कि जो देश का खाएगा और दुश्मन का गायेगा मैं उसके खिलाफ आवाज बुलन्द करूंगा.
Source : News Nation Bureau