लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने राफेल लड़ाकू विमान डील अनियमितता का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी रैलियों में राफेल डील में अनियमितता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार जिम्मेदार ठहराते रहे. इसके बावजूद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA प्रचंड बहुमत हासिल करके दोबारा सत्ता में आने जा रही है. अब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (SC) से लिखित रूप में राफेल से जुड़ी याचिकाएं खारिज करने की मांग की है.
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पुनर्विचार याचिका झूठे तथ्यों पर आधारित: केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने कोर्ट से निवेदन किया है कि राफेल के मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका झूठे तथ्यों पर आधारित हैं. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट (SC) को बताया कि रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कोई भी जानकारी नहीं छुपाई है. सरकार ने कोर्ट से कहा कि इस रक्षा सौदे में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किसी भी तरह की समानांतर बातचीत नहीं की गई.
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गौरतलब है कि फ्रांस की दसॉ कंपनी से भारतीय वायुसेना के लिए राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद हो रही है. ये डील UPA सरकार में हुई थी. राहुल गांधी आरोप लगाते रहे हैं कि UPA सरकार के दौरान राफेल लड़ाकू विमानों की जो डील हुई थी, उससे करीब तीन गुना कीमत में मोदी सरकार राफेल की खरीद कर रही है. राहुल ने विमान बनाने का कॉन्ट्रैक्ट सरकारी कंपनी HAL के बजाय अनिल अंबानी की कंपनी को देकर उन्हें 30 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया.