लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के पहले चरण की वोटिंग के बाद एक फिर राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. हरियाणा में जहां नवगठित जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) ने गठबंधन का ऐलान किया है, वहीं बीजेपी शिरोमणि अकाली दल (बादल) के मिलकर चुनाव लड़ेगी. यहां कांग्रेस अकेली पड़ गई है.
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बता दें कि बीजेपी इससे पहले पंजाब और उत्तराखंड में अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) से राजनीतिक रिश्ते खत्म होने के बाद यह पहला मौका है, जब अकाली दल ने हरियाणा में बीजेपी का बिना शर्त समर्थन करने का निर्णय लिया है. वहीं, कांग्रेस से बात नहीं बनी तो हरियाणा में झाड़ू (आप का चुनाव चिह्न) और चप्पल (जेजेपी का चुनाव चिह्न) एक साथ हो गया है.
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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, शिरोमणि अकाली दल (बादल) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलविंद्र सिंह भूंदड, अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष शरणजीत सिंह सोंटा और विधायक बलकौर सिंह के साथ हुई बातचीत में दोनों दलों के बीच आपसी सहयोग की सहमति बनी. सीएम खट्टर ने शुक्रवार को अपने नरवाना दौरे के दौरान इस का खुलासा किया है. अकाली दल के नेताओं की मौजूदगी में खट्टर ने इस लोकसभा चुनाव में अकाली दल का समर्थन मिलने की बात कही.
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हरियाणा में दो दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर सिख मतदाता अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं. हरियाणा में सिख मतदाताओं की संख्या 13 लाख से अधिक है. बता दें कि बीजेपी राज्य की आठ लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. शिरोमणि अकाली दल (बादल) लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए काम करेगा, जबकि अगला विधानसभा चुनाव दोनों दल मिलकर लड़ेंगे. विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर अलग से बातचीत होगी.
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वहीं, हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से जेजेपी 7 पर और आप 3 पर चुनाव लड़ेगी. राज्य में 12 मई को चुनाव होना है. बीते साल दिसंबर में ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल में फूट पड़ी थी, जिसके बाद जेजेपी का गठन हुआ. इंडियन नेशनल लोकदल के कई नेता अब जेजेपी का हिस्सा हैं. बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी को 7, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को 2 और कांग्रेस को 1 सीट पर जीत मिली थीं.
Source : News Nation Bureau