पुलवामा आतंकी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पर आक्रामक विपक्ष ने उनके शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान पीएम नवाज शरीफ को बुलाना और फिर पठानकोट, उड़ी आतंकी हमले को लेकर भी ढेरों आरोप लगाए. कहा गया कि उनकी कोई विदेश नीति नहीं नहीं है, खासकर पाकिस्तान के संदर्भ में. वह कभी बात शुरू कर देते हैं तो कभी बात बंद कर देते हैं. इस मसले पर न्यूज नेशन से बातचीत में मोदी ने स्वीकारा कि कुर्सी, कैरियर की चिंता करने वाला हर कदम के आगे-पीछे की सोचता है. जिसे देश से प्यार होता है वह कुछ करने की हिम्मत रखता है.
उन्होंने कहा कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और पीएम पद के दावेदार बनाए गए, तो आलोचकों ने कहा कि मुझे विदेश नीति की कोई समझ नहीं है. ऐसे में मैं क्या करूंगा. आलोचक गलत नहीं थे, उनका यह सवाल वाजिब था. मैं कभी संसद गया नहीं. कभी विदेश गया नहीं. हालांकि 2014 में ही मैंने एक बात साफ कर दी थी. मैंने कहा था कि मैं कभी भी किसी से आंख झुका कर बात नहीं करूंगा. कभी आंख उठा कर भी बात नहीं करूंगा. मैंने तब भी स्पष्ट कहा था कि मैं आंख मिला कर बात करूंगा. यही मैंने किया भी. कभी किसी से दबा नहीं. देशहित हमेशा ऊपर रखा.
उन्होंने कहा कि कभी कुर्सी की चिंता नहीं की. जिसे कुर्सी...कैरियर की चिंता होती है, वह सोचता है कि अगर ऐसा हुआ तो वैसा होगा. ऐसा करें तो वैसा होगा. जो देश की सोचता है वह कुछ करने की हिम्मत रखता है. बस मैंने अपने देश के सवा अरब लोगों के विश्वास को अपनी ताकत बनाया. अगर मैंने भी कुर्सी कैरियर की चिंता की होती तो खत्म हो गया होता. मैं हमेशा भारतीय संविधान पर चलता हूं. मेरी रूल बुक यानी भारतीय संविधान हमेशा मेरे साथ चलता है.
Source : News Nation Bureau