अब चंद महीने बाद लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019 ) होने हैं. एक तरफ जहां बीजेपी (BJP) 'अबकी बार, 400 के पार' के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरने जा रही है तो वहीं कांग्रेस (Congress) के लिए उम्मीद बनकर उभरी हैं प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) . इसके अलावा मोदी (Narendra Modi) को हराने के लिए महागठबंधन (Mahagathbandhan) भी तैयार हो रहा है. अभी कुछ दिन पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बारे में ये चर्चा उठी थी कि वो रायबरेली (Raibareilly) , अमेठी (Amethi) के अलावा किसी तीसरी सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं.
यह भी पढ़ेंः रोचक तथ्य : सर्वाधिक वोटों से जीतने वाले टॉप टेन नेताओं की लिस्ट में इस स्थान पर हैं PM मोदी
बता दें 1996 तक दो से ज़्यादा लोकसभा (Lok Sabha) सीटों से चुनाव लड़ने की छूट थी, लेकिन रेप्रेज़ेंटेशन ऑफ़ द पीपुल ऐक्ट 1951 में संशोधन कर तीन की बजाय दो सीटों से चुनाव (General Elections 2019) लड़ने तक सीमित कर दिया गया.
यह भी पढ़ेंः रोचक तथ्य : करीब 65 साल में आधी सीटों पर आज तक नहीं चुनी गई एक भी महिला सांसद
तीन जगहों से चुनाव लड़ने की बात करें तो 1957 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में भारतीय जनसंघ की तरफ से अटल बिहारी वाजपेयी ने यूपी की 3 लोकसभा सीटों ,बलरामपुर , मथुरा और लखनऊ से चुनाव लड़ा था , लेकिन एक जगह से वो अपनी जमान भी नहीं बचा सके. आइए जानते हैं लोकसभा चुनावों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य..
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के आम चुनाव में वाराणसी और वडोदरा से चुनाव लड़ा था. उन्होंने दोनों जगहों से जीत दर्ज की थी, लेकिन वाराणसी सीट को अपने पास रखा था.
• समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने भी 2014 में आजमगढ़ और मैनपुरी से चुनाव लड़ा था, और दोनों ही जगह जीता भी था. लेकिन उन्होंने आजमगढ़ सीट को अपने पास रखा था.
• रायबरेली से 1977 का चुनाव हार चुकी इंदिरा ने 1980 के लोकसभा चुनाव में रिस्क लेना ठीक नहीं समझा , इंदिरा 1980 का लोकसभा चुनाव रायबरेली और मेडक दो लोकसभा सीटों से लड़ी , इंदिरा दोनों जगहों से चुनाव जीती , लेकिन चुनाव जितने के बाद रायबरेली लोकसभा सीट अपने पास रखा.
• पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी 1991 में दो सीटों विदिशा और लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़े थे , दोनों सीटों से वाजपेयी जीत गए म वाजपेयी ने विदिशा सीट छोड़ दी.
• 1957 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनसंघ की तरफ से अटल बिहारी वाजपेयी ने यूपी की 3 लोकसभा सीटों ,बलरामपुर , मथुरा और लखनऊ से चुनाव लड़े थे , हालांकि वाजपेयी तीन सीटों में से एक सीट बलरामपुर से चुनाव जीते थे , जबकि लखनऊ में दूसरे नंबर पर थे और मथुरा में ज़मानत ज़ब्त हो गयी थी.
बलरामपुर में वाजपेयी ने कांग्रेस के हैदर हुसैन को मात दी थी. उस चुनाव में वाजपेयी को 1,18,380 वोट मिले थे, जबकि हैदर हुसैन को 1,08,568 वोट मिले थे. तब वाजपेयी पहली बार लोकसभा पहुंचे थे , तब वाजपेयी की उम्र 32 साल थी.
• 1991 के लोकसभा चुनाव में आडवाणी ने दिल्ली और गांधी नगर से नामांकन भरा था , आडवाणी दोनों सीटों से चुनाव जीत गए, नै दिल्ली में आडवाणी का मुक़ाबला कांग्रेस के राजेश खन्ना से था , दोनों के बीच ज़बरदस्त टक्कर हुई , इस सीट से आडवाणी को सिर्फ दो हज़ार वोटों से जीत मिली , बाद में आडवाणी ने नई दिल्ली सीट से इस्तीफा दे दिया.
• 1999 लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी दो जगह से चुनाव लड़ रही थीं. उत्तरप्रदेश के अमेठी तथा कर्नाटक के बेल्लारी से. यह उनका पहला चुनाव था. तब भाजपा ने बेल्लारी से सुषमा स्वराज को मैदान में उतारा और वहां चुनाव को देश की बेटी बनाम विदेशी बहू के तौर पर प्रचारित किया. मगर सोनिया दोनों जगहों से चुनाव जीत गईं. लेकिन सोनिया ने अपने पति राजिव गांधी की सीट अमेठी को ही चुना और बेल्लारी से इस्तीफा दे दिया.
• 2009 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालूप्रसाद यादव ने सारण और पाटलिपुत्र से नामांकन भरा , लालू सारण से चुनाव जीत गए लेकिन पाटलिपुत्र से जेडीयू के रंजन यादव के हाथों चुनाव हार गए.
Source : News Nation Bureau