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Lok Sabha Election: हेमंत करकरे और कसाब को लेकर सियासी पारा हाई, आमने-सामने Congress-BJP, जानें सबकुछ

Lok Sabha Election 2024:

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Dheeraj Sharma
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Hemant Karkare and Kasab Controversy

Hemant Karkare and Kasab Controversy ( Photo Credit : File)

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Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव को लेकर इन दिनों देशभर में सियासी माहौल गर्माया हुआ है. इस बीच राजनीतिक दल एक दूसरे के खिलाफ मुद्दे खोजने में जुटे हैं. जैसे-जैसे चरण दर चरण मतदान और चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है नए-नए मुद्दे भी राजनीतिक दलों के लिए जगह बनाते जा रहे हैं. तीसरे चरण के मतदान से पहले सियासी पारा हाई है. वजह है 26/11 हमले में पकड़ाया गया एक मात्र आतंकी अजमल कसाब. कसाब को लेकर इन दिनों राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजियां तेज हो गई हैं. दरअसल बीजेपी ने मुंबई में नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट पर वरिष्ठ अधिवक्ता उज्जवल निकल को टिकट दिया है. निकम 26/11 हमले मामले में सरकारी वकील थे. अब उनके पुराने बयान ने तूल पकड़ लिया है. आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला. 

उज्जवल निकल के बयान पर कांग्रेस का निशाना
26/11 हमले केस की सुनवाई के दौरान उज्जवल निकम ने दावा किया था कि अजमल कसाब को जेल में बिरयानी दी गई थी. हालांकि बाद में उन्होंने अपने ही बयान को बदलते हुए इस बात से इनकार कर दिया था. अब उनके उस बयान को लेकर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस का कहना है कि उज्जवल निकम का झूठ उजागर हो गया औऱ ऐसे झूठे शख्स को भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. 

वहीं रही सही कसर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने पूरी कर दी है. उनका दावा है कि एटीएस चीफ हेमंत करकरे को कसाब ने नहीं बल्कि आरएसएस के खास पुलिसकर्मी ने हत्या की. कांग्रेस के इस बयान से भी हड़कंप मच गया है. उन्होंने दावा किया है कि उज्जवल निकम ने आरोपियों को बचाने के लिए ही झूठी कहानी गढ़ी और सबूतों को छिपाया. 

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बीजेपी ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता वेडट्टीवार के बयान के बाद बीजेपी का भी पलटवार सामने आया. बीजेपी के दिग्गज नेता और महाराष्ट्र पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उज्जवल निकम का बचाव किया. उन्होंने कांग्रेस नेता के आरोपों को निराधार और गैरजिम्मेदाराना बताया. फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस कसाब को लेकर चिंतित है, यही वजह है कि उज्जवल निकम को निशाना बनाकर आतंकवादियों का समर्थन किया जा रहा है.

शिवसेना का भी बयान आया सामने
उधर शिंदे गुट की शिवसेना का भी बयान सामने आया है. शिवसेना ने वेडट्टीवार के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की है. शिवसेना की मांग है कि वेडट्टीवार को अरेस्ट करें और उनसे पूछताछ करनी चाहिए. 

क्या उज्जवल निकम का बयान 
उज्जवल निकम ने 26/11 हमले के बाद पकड़ाए एक मात्र जिंदा आतंकवादी अजमल कसाब को लेकर बयान दिया था कि उसे जेल में बिरयानी परोसी गई थी, हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान को बदल दिया. विशेष अदालत के बयान के बाद उन्होंने बयान में बदलाव किया उन्होंने कहा कि कसाब को जेल में बिरयानी नहीं दी गई थी ये बात सिर्फ कसाब के पक्ष में बन रहे माहौल से ध्यान हटाने के लिए कहानी के रूप में गढ़ी गई थी. 

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क्यों उठा विवाद
इस विवाद के अब उठने की सीधी वजह है कि बीजेपी ने उज्जवल निकम को अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बीच बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए इस मुद्दे को उठा रही है. इसमें हेमंत करकरे के मारे जाने की बात भी सामने आई है. कांग्रेस का कहना है कि निकम के झूठ की वजह से काफी नुकसान हुआ है. जबकि वडेट्टीवार ने करकरे के मारे जाने के पीछे कसाब की बजाय आरएसएस को जिम्मेदार बताया है. अब देखना है कि चुनाव से पहले उठाए गए कांग्रेस के इस मुद्दे से क्या बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है या फिर निकम के सहारे भाजपा बड़ी जीत दर्ज कर लेगी. 

Source : News Nation Bureau

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