Ajay Mishra Teni Profile: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी एक बार फिर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2024) लड़ेंगे. गृह राज्य मंत्री (MoS) मिश्र, लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) से लगातार तीसरी बार फिर से चुनाव लड़ेंगे. गौरतलब है कि, इस चुनाव अजय मिश्र टेनी को बतौर भाजपा उम्मीदवार चुनावी रण में उतारे जाने को लेकर संदेह बरकरार था, क्योंकि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में चार लोगों की मौत के मामले में उनके बेटे आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी के तौर पर नामित किया गया था, ऐसे में चलिए इस आर्टिकल में अजय मिश्र टेनी के सियासी सफर और उनसे जुड़े विवाद के बारे में जानते हैं.
सियासी जीवन की शुरुआत
25 सितंबर 1960 को जन्मे अजय मिश्र टेनी ने उच्च शिक्षा के लिए कानपुर जाने से पहले अपनी स्कूली शिक्षा लखीमपुर खीरी में पूरी की थी. मिश्र ने क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर से विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने कानपुर यूनिवर्सिटी के डीएवी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की. 2007 में, अजय मिश्र टेनी ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में लखीमपुर खीरी की निघासन सीट से यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा और समाजवादी पार्टी के कृष्ण गोपाल पटेल से हार गए. पांच साल बाद, वह उसी सीट से यूपी विधानसभा के लिए विधायक चुने गए.
इसके बाद उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव लखीमपुर खीरी से लड़ा. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए शासन के 10 वर्षों के बाद, नरेंद्र मोदी की लहर चुनाव में बह गई और मिश्र सांसद बन गए. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, बहुजन समाज पार्टी के अरविंद गिरी को 1 लाख से अधिक वोटों से हराया.
जब टेनी को मिला मंत्री पद
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी बीजेपी से लड़ने के लिए एक साथ आए थे. अजय मिश्र टेनी ने न केवल लखीमपुर खीरी सीट जीती बल्कि अपनी जीत का अंतर 2 लाख से अधिक वोटों तक बढ़ा लिया. सांसद के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, उन्होंने खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण पर स्थायी समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया. उन्हें लोक लेखा समिति का सदस्य भी नियुक्त किया गया था. टेनी ने 2021 में कैबिनेट विस्तार के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली.
जब विवाद से घिर गए अजय मिश्र टेनी
अजय मिश्र टेनी तब विवादों से घिर गए, जब उनके बेटे आशीष मिश्र को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध मार्च के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया था. यह घटना 3 अक्टूबर, 2021 को हुई, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अजय मिश्र टेनी के पैतृक गांव बनबीरपुर के दौरे का विरोध करने के लिए मार्च कर रहे थे.
डिप्टी सीएम को हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचना था, लेकिन आखिरी समय में उन्होंने अपनी योजना बदल दी. जब प्रदर्शनकारी किसानों को योजना में बदलाव के बारे में पता चला, तो उन्होंने बनबीरपुर की सड़क को अवरुद्ध कर दिया. एक कार, जिसमें कथित तौर पर आशीष मिश्र सवार थे, प्रदर्शनकारी किसानों पर चढ़ गई, जिससे उनमें से चार की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
Source : News Nation Bureau