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Lok Sabha Election 2024: UP में चौथा चरण बीजेपी के लिए बेहद अहम, 2019 में सभी 13 सीटों पर था कब्जा

UP Lok Sabha Election Phase 4 Voting : 13 मई यानि आज देश में चौथे चरण का चुनाव हो रहा है. जिसमें देश की कुल 96 सीटों पर वोटिंग हो रही है.

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Sunder Singh
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सांकेतिक इमेज ( Photo Credit : News nation)

UP Lok Sabha Election Phase 4 Voting :  13 मई यानि आज देश में चौथे चरण का चुनाव हो रहा है. जिसमें देश की कुल 96 सीटों पर वोटिंग हो रही है. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की भी 13 सीटों पर आज मतदान चल रहा है. खास बात ये है कि जिन सीटों पर आज वोटिंग है. पिछले यानि 20219 के इलेक्शन में सभी 13 सीटें बीजेपी के पास थी. ऐसे में ये चरण बीजेपी के लिए बेहद अहम हो जाता है, क्योंकि बीजेपी इस बार भी सभी सीटों को जीतने के लिए एड़ी-चौटी का जो लगाए हैं.  अब देखना ये है कि समाजवादी के गढ़ कह जाने वाले इटावा, कन्नोज में भी क्या इस बार भी सेंध लग पाएगी? 

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32 फीसदी वोट शेयर किया था हांसिल 

आपको बता दें कि इसी चरण में कन्नौज व इटावा सीट भी शामिल है. जो परमपरागत रूप से समाजवादी की समझी जाती हैं. लेकिन पिछली बार बीजेपी ने क्लीन स्वीप करते हुए सभी सीटों पर जीत हांसिल की थी. खास बात ये है कि बीजेपी ने 2019 के चुनाव में 13 में से 9 पर तो 32 फीसदी के वोट शेयर के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. साथ ही कन्नौज पर पिछली बार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को सुब्रत पाठक ने महज 13 हजाह के अंतर से हराया था. 

इन बड़े नेताओं की साख दांव पर

आपको बता दें कि इसी चरण में कन्नौज सीट पर मतदान हो रहा है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बीजेपी के सीटिंग सांसद सुभ्रत पाठक ही चुनौती दे रहे हैं. सुब्रत पाठक ने ही पिछली बार डिंपल यादव को बहुत ही कम अंतर से हराया था. इनके अलावा इसी चरण में केंद्रीय राज्य मंत्री अजयकुमार मिश्रा 'टेनी' सहित कई दिग्गज चुनावी मैदान में हैं. जहां बीजेपी जीत के लिए पूरा दमखम लगाना चाहेगी. क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था. 

कन्नौज पर पिछले 21 वर्षों से था सपा का कब्जा

कन्नौज ऐसी सीट हैं जिसे समाजवादी पार्टी का अभेद्य दुर्ग माना जाता था. लेकिन पिछली बार सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को हराकर इसमें सेंध लगाने का काम किया था. हालांकि जीत का अंतर सिर्फ 13 हजार वोट था. इसलिए बीजेपी इस सीट को हर हाल में फिर से जीतना चाहती है.  यदि बसपा प्रत्य़ाशी इमरान बिन जफर अच्छा चुनाव लड़ जाते हैं तो सपा प्रमुख के सामने चुनौती खड़ी हो जाएंगी. हालांकि परिणाम के लिए 4 जून का इंतजार करना पड़ेगा. अभी तो सिर्फ कायस ही लगाये जा सकते हैं. 

इटावा सीट भी बेहद अहम

आपको बता दें कि इटावा सीट भी सपा की परमपरागत सीट है. लेकिन 2029 के चुनाव में बीजेपी के  रामशंकर कठेरिया ने बड़े अंतर से सीट को जीत लिया था. इस बार फिर से बीजेपी ने रामशंकर कठेरिया को ही मैदान में उतारा है. बीजेपी ने इस सीट पर प्रचार प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ी है. प्रधानमंत्री मोदी से लेकर ग्रह मंत्री अमित शाह तक सभी दिग्गजों ने यहां रैली की है. जिससे सीट एक बार फिर बीजेपी के पाले में जाती हुई दिख रही है. रामशंकर कठेरिया को सपा के जितेन्द्र दोहर चुनौती दे रहे हैं. बसपा ने सारिका सिंह बघेल को टिकट दिया है

2019 में इन सीटों पर जीत का​ अंतर (प्रतिशत में)

कन्नौज- 1.80 फीसदी

इटावा- 6.26

सीतापुर- 9.46

मिश्रिख- 9.80

फर्रुखाबाद- 22.09

Source : News Nation Bureau

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