उत्तर-प्रदेश के देवबंद में आज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. देवबंद की रैली गठबंधन की पहली चुनावी रैली थी. इस रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये चुनाव देश को नया प्रधानमंत्री देने का चुनाव है. साथ ही अखिलेश यादव ने बीजेपी की चुटकी भी लेते हुए कहा कि बीजेपी गठबंधन से घबराई हुई है.
SP chief Akhilesh Yadav in Deoband, Saharanpur: There is not much difference in Congress and BJP, if you will look at their policies. They are both same. This grand alliance is meant to bring change in the country, but Congress party doesn’t want that, it wants to form govt in UP pic.twitter.com/2sgUwVYJ9a
— ANI UP (@ANINewsUP) April 7, 2019
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अखिलेश यादव रैली में बताया कि गठबंधन ने ज्यादा सड़कें बनाई हैं. बिजली और लैपटॉप भी दिया है. सपा और बसपा की सरकारों में जितना बिजला का काम हुआ है उतना केंद्र की सरकार ने नहीं किया है. अखिलेश ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अंग्रेजों से ज्यादा बीजेपी ने देश को बांटा है. अखिलेश ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही एक जैसा बताया है. दोनों ही राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि, कांग्रेस और बीजेपी की नीतियां एक हैं. दोनों में कोई अंतर नहीं है. कांग्रेस देश में बदलाव नहीं लाना चाहती है. ये अपनी पार्टी को लाना चाहती है.
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अखिलेश ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने वादा किया था कि अच्छे दिन आएंगे, पांच साल हो गए लेकिन अभी तक हम अच्छे दिन आने का इंतजार ही कर रहे हैं. देश के युवाओं के पास रोजगार नहीं है. अखिलेश ने पीएम मोदी पर तंज किया कि पहले चाय वाले बनकर आ गए हैं और हमारा विश्वास तोड़ दिया है. फिर चुनाव आया तो चौकीदार बनकर आ गए हैं. हमें भरोसा चाहिए, न कि वायदा.
लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election) के लिए पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुल 8 सीटों पर 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. लगभग सभी सीटों पर प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. माना जा रहा है बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश में पहला चरण काफी कठिन होगा. उसे सपा-बसपा और आरएलडी के गठजोड़ से कड़ी चुनौती मिलेगी, लेकिन आंकड़े तो कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं. अगर बात करें 2019 के पहले चरण के चुनाव की तो कहीं-कहीं सपा और बसपा के कुल वोटों (Lok Sabha Election 2014) को मिलाने के बाद भी गठबंधन काफी पीछे नजर आता है.
Source : News Nation Bureau