मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मायावती और आजम खान पर चुनाव आयोग के प्रतिबंध के बाद उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल और गरमा गया है. बैन के बाद योगी आदित्यनाथ की मंदिरों में पूजा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना का कहना है आस्था जीवन मरण का सवाल है आयोग की आचार संहिता का नहीं.
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News Nation से बातचीत करते हुए सतीश महाना ने कहा, 'चुनाव आयोग ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 72 घंटे तक चुनाव प्रचार नहीं कर सकती, लेकिन उनके पास यह निजता का अधिकार है कि वह मंदिर जाकर पूजा पाठ कर सकते हैं. यह निजी आस्था का विषय है और वैसे भी अच्छा व्यक्ति वह होता है जो हर समय का सदुपयोग कर सके.'
सपा के नेता भी है आजम से खफा
आजम खान को लेकर सतीश महाना ने कहा, वर्तमान में लोकसभा चुनाव चल रहा है लिहाजा चुनाव आयोग ने आजम खान के ऊपर पाबंदी लगाई है, लेकिन उनकी भाषा हमेशा से ऐसी रही है, 28 साल से विधानसभा में भी वह यही जुबान बोलते थे. यहां तक कि समाजवादी पार्टी के नेता भी आजम खान की भाषा से असहज होते हैं. समाजवादी पार्टी के नेता खुद मानते हैं शिष्टाचार और समाज के अनुरूप नहीं है आजम खान की जुबान.
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अखिलेश और मायावती के सिद्धांत एक दूसरे के विपरीत थे
महाना ने कहा, समाजवादी पार्टी और बसपा के नेताओं की भाषा भी आजम खान जैसे ही रही है और अगर सिद्धांत के लिहाज से देखें तो अखिलेश और मायावती के सिद्धांत हमेशा से एक दूसरे के विपरीत थे.
कम मतदान का असर नहीं, जनता दे रही है प्रधानमंत्री को चुनने के लिए मत
उन्होंने कहा, अभी तक जब केंद्र में सरकार होती थी तो प्रधानमंत्री और जनता के बीच कनेक्ट नहीं होता था, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता से जुड़ना जानते हैं. महिलाओं का सम्मान करना जानते हैं. इस बार का मतदान पीएम मोदी के नाम पर है. प्रधानमंत्री को चुनने के लिए है. सिर्फ लोकसभा सांसद की उम्मीदवारी का नहीं.
Source : News Nation Bureau