भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी व लालकृष्ण आडवाणी ने खुद इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया है. टीवी चैनलों पर हालांकि यह दिखाया जा रहा है कि आडवाणी और जोशी टिकट काटे से नहीं, बल्कि उसके तरीके से आहत हैं. मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि उन्हें खुशी होती, अगर अमित शाह खुद आकर उनसे चुनाव न लड़ने का आग्रह करते. वह पार्टी महासचिव रामलाल से कहलवाए जाने से आहत हैं. दूसरी ओर, विजयवर्गीय ने कहा, "आडवाणी जी व डॉ.मुरली मनोहर जोशी ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इसी तरह से मैंने भी लड़ने से इनकार कर दिया. अगर कोई अनिच्छुक है तो पार्टी क्या उसे टिकट देगी."
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विजयवर्गीय ने यहां 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली जनसभा की तैयारियों का जायजा लेने के बाद यह बात कही. यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों वरिष्ठ नेताओं ने आगामी चुनावों में लड़ने की अनिच्छा को लेकर नेतृत्व को कोई पत्र लिखा है, इस पर विजयवर्गीय ने कहा कि इसका संदेश संगठन मंत्री को भेज दिया गया है. भाजपा नेता की यह टिप्पणी जोशी के एक खुले पत्र के बीच आई है. इस पत्र में जोशी ने दावा किया कि उन्होंने खुद इनकार नहीं किया, बल्कि पार्टी ने उन्हें 2019 का चुनाव न लड़ने को कहा है. इससे पहले, भाजपा ने आडवाणी को टिकट देने से इनकार किया और उनकी जगह गुजरात के गांधीनगर से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को टिकट दे दिया.
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दोनों वरिष्ठ नेताओं को उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में प्रचार करने वाले 40 नेताओं की सूची से भी बाहर रखा गया है. उधर, बिहार में भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को इस बात का मलाल है कि उनसे पूछे बगैर नवादा से उनका टिकट काटकर उन्हें बेगूसराय से उम्मीदवार बना दिया गया है. नवादा में पांच साल किए काम का फायदा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) उठाएगी. गिरिराज को बेगूसराय में वामदलों के साझा उम्मीदवार छात्रनेता कन्हैया कुमार व राजद के तनवीर हसन का सामना करना है.
Source : IANS